लखनऊ : सत्र अदालत ने रेप के एक मामले में निरुद्ध पीस पार्टी अध्यक्ष व पूर्व विधायक डा. अयूब की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। उन पर यह भी आरोप है, कि पीड़िता के पेट में दर्द होने पर अयूब उसे अनुपयुक्त दवा देने लगे। जिसके बाद पीड़िता की किडनी व लीवर दोनों खराब हो गए और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
19 मई, 2017 को अयूब को इस मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।
यह आदेश एडीजे नीतू पाठक ने पारित किया। जमानत अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि मुल्जिम का यह अपराध काफी गंभीर है। इस मामले के तथ्यों व परिस्थितियों के मद्देनजर मुल्जिम जमानत पर रिहा किए जाने का पात्र नहीं है।
अभियोजन की ओर से जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकील डीसी यादव का कहना था, कि मुल्जिम प्रभावशाली राजनैतिक व्यक्ति है। इसका आपराधिक इतिहास भी है। यदि जमानत पर रिहा किया गया, तो गवाहों को धमका सकता है, व साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ भी कर सकता है।