चुनाव पर होगी आयोग की पैनी नजर, थाने बनेंगे यूनिट, तय होगी जिम्मेदारी

यूपी के दौरे पर आए उप निर्वाचन आयुक्त विजय देव ने कहा कि चुनाव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि चरणवार सभी काम पूरे किए जाएं। राजनीतिक दलों को उनकी पूरी डिटेल मुहैया कराई जाए और पारदर्शिता के साथ काम हो।

Update: 2016-12-22 10:23 GMT

लखनऊ: आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पहली बार पांचों राज्यों में थानों को बेसिक यूनिट मानते हुए एप तैयार किया जा रहा है। इसके जरिए उस क्षेत्र की घटनाओं और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के बारे में जानकारी मिल सकेगी। पुलिस स्टेशन के स्तर पर किसी तरह की वारदात होगी, तो इसमें एसओ की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके अलावा इस बार चुनाव में ई-पोस्टल बैलेट की भी व्यवस्था की गई है। यह व्यवस्था आर्म्ड फोर्सेज को इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड हो रही है। पहले इसे पाइलेट प्रोजेक्ट के तौर पर इस्तेमाल किया गया था।

अंतिम चरण में चुनावी तैयारियां

-यूपी के दौरे पर आए उप निर्वाचन आयुक्त विजय देव ने चुनाव तैयारियों को लेकर संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं।

-राज्य के सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि चरणवार सभी काम पूरे किए जाएं।

-राजनीतिक दलों को उनकी पूरी डिटेल मुहैया कराई जाए, पारदर्शिता के साथ काम हो।

-इलेक्टोरल रोल में जो ​कमिया हैं उन्हें पूरी तरह से दूर किया जाए। नये साल में मतदाता सूची जारी होगी।

विशेष अभियान

-उप निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि इस बार विकलांगों के लिए विशेष अभियान चलाया गया है।

-इसके तहत 7 लाख से ज्यादा लोगों को चिन्हित किया गया है।

-पोलिंग बूथ वार इनका डाटा रखा गया है ताकि यह पता रहे कि किस बूथ पर कितने विकलांग मतदाता हैं और उनके लिए जरूरी व्यवस्था की जा सके।

-विजय देव ने कहा कि प्रशासन को स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं कि जैसे ही चुनाव की घोषणा हो, उसी समय चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है।

-उसके अगले 24 घंटे के अंदर सभी होर्डिंग, बैनर व पोस्टर हटा दिए जाएं ताकि अगले दिन नागरिक अपने शहर को देखें तो वह साफ सुथरा दिखे।

-मीडिया भी इस तरह के मामले सामने लाए। ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।

दलों पर कार्रवाई

-एक सवाल के जवाब में उप निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि तीन तरह के राजनीतिक दल होते हैं। इनमें राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और रजिस्टर्ड राजनीतिक पार्टियां होती हैं।

-इसके लिए आयोग का इलेक्टोरोल रिफॉर्म है जिसमें तय होता है कि जो पार्टियां चुनाव लड़ने को लेकर गंभीर नही हैं, उन पर किस तरह का एक्शन हो।

-इस पर पहले से ही कमीशन ने एक्शन लिया है। जो पार्टी रजिस्टर्ड है और चुनाव लड़ना चाहती है। वह स्वतंत्र है।

रहेगी पैनी नजर

-फ्लाइंग स्क्वायड, स्टैटिक सर्विलांस और वीडियो सर्विलांस टीम को चुनाव में उतारा जाता है, ताकि भयमुक्त चुनाव हो सके।

-उन्होंने कहा कि चुनाव घोषणा के तुरंत बाद प्रशासन और पुलिस की टीम फील्ड में उतर जाएगी।

-यह भी स्पष्ट दिशा निर्देश हैं कि जिससे भय हो और जिसे भय हो उनको चिन्हित किया जाए।

-ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिनके खिलाफ एबीडब्लू जारी है।

-राजनीतिक नेताओं की यात्रा पर आचार संहिता का उल्लंघन न हो, इसलिए उन पर पैनी नजर रखी जाए।

-पेड न्यूज के मामले प्रदेश में न आएं। इसके लिए सभी जिलों में कमेटी गठित कर दी गई है।

-यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि पोलिंग स्टेशन पर मतदाताओं के लिए बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं मौजूद हों।

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