कानपुरः पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद पिता के कंधे पर बेटे की मौत के मामले में हुई जांच में हैलट हॉस्पिटल के पांच कर्मचारी दोषी पाए गए हैं। इनके खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी है। जिला प्रशासन ने इस बारे में जांच रिपोर्ट यूपी सरकार को भेज दी है। इस मामले में कई जिम्मेदारों को दोबारा ऐसा न होने देने के लिए चेतावनी भी दी गई है। जांच रिपोर्ट की कॉपी पीएमओ को भी भेजी गई है।
क्या है मामला?
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट हॉस्पिटल में फजलगंज निवासी सुनील के बेटे अंश को इलाज नहीं मिला था। बेटे को कंधे पर लादकर सुनील हॉस्पिटल में डॉक्टरों के पास जाते रहे, लेकिन किसी ने उसे नहीं देखा था। 12 साल के मासूम को बुखार था और इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में पीएमओ ने डीएम से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद हैलट के एमएस को सस्पेंड कर दिया गया था और जांच बिठाई गई थी।
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कौन-कौन है दोषी?
जांच दल ने जनसंपर्क अधिकारी पल्लवी शुक्ला को कड़ी सजा देने की संस्तुति की है। इमरजेंसी के वार्ड ब्वॉय संतोष कुमार और गार्ड संदीप कुमार को सेवा से हटाया जाएगा। कर्मचारी शिव सहाय तिवारी को कड़ी चेतावनी दी गई है। इमरजेंसी के ईएमओ डॉ. मयंक सिंह पर भी विभागीय कार्रवाई होगी। डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि आगे से ऐसा हुआ तो सीएमएस समेत डॉक्टरों को बख्शा नहीं जाएगा।
डीएम ने दिए सुझाव
डीएम ने हैलट प्रशासन को सुझाव भी दिए हैं। जैसे सभी विभागों की इमरजेंसी एक ही स्थान पर होनी चाहिए l ताकी मरीजों को लंबा सफर तय करके न जाना पड़े। फिलहाल जो इमरजेंसी है, उनके गेट खुलवा दिए गए हैं। स्ट्रेचर ले जाने के लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने को भी कहा गया है।