हरचंदपुर के पूर्व विधायक सुरेंद्र विक्रम सिंह उर्फ पंजाबी सिंहः खुशी के पल का इंतजार

पूर्व विधायक सुरेंद्र विक्रम सिंह उर्फ पंजाबी सिंह का कहना है पत्नी ले आई राजनीति में, हम तो किसान थे अगर राजनीति में नही होते तो किसान तो हम है ही।खेती किसानी हम करते।

Update:2020-10-06 12:59 IST
Former Harchandpur MLA Surendra Vikram Singh alias Punjabi Singh: Waiting for a moment of happiness

नरेंद्र सिंह

रायबरेली- प्रधान प्रतिनिधि के रूप में काम करते करते एक युवा कब जनता का चहेता बन गया पता ही नही चला। पहले विधायक और फिर मंत्री तक का सफर तय करने वाले पूर्व विधायक सुरेंद्र विक्रम सिंह उर्फ पंजाबी सिंह ने संघर्ष और कठिन परिश्रम से हरचंदपुर की राजनीति के फलक पर एक नई पहचान बनाई है। जनता के बीच सहज उपलब्ध होने वाले पंजाबी सिंह हमेशा जनता के काम को तरजीह देते हैं।

सवाल- राजनीति में कैसे आए

उत्तर- प्रधान प्रतिनिधि थे, पत्नी प्रधान थी। हम खेती किसानी करते थे। धीरे धीरे राजनीति में आ गए।

सवाल- राजनीति में न होते तो क्या करते?

उत्तर- हम तो किसान थे अगर नही होते तो किसान तो हम है ही।खेती किसानी हम करते।

सवाल-चुनाव लगातार मंहगे होते जा रहे है।

उत्तर- हमारे लिए तो मंहगा नही है। हम तो पैसा वैसा खर्च नही करते है।

सवाल- चुनाव सुधार के लिए कोई सुझाव आप देना चाहते है।

उत्तर- हम तो पैसा वैसा खर्च नही करते है। हम क्या राय दे। मेरे पास कोई सुझाव नही है।

सवाल-जनता की अपेक्षाएं बढ़ रही है। इसे आप किस तरह देखते है।

उत्तर- जनता तो सिर्फ पंजाबी सिंह का नाम ले रही है। मैंने तय सभी का काम करवाया है। हैण्डपम्प नाली खड़ंजा जो भी मेरे पास आया सबका काम किया।

सवाल- जनता से क्या अपेक्षाएं है।

उत्तर- जनता से अपेक्षा है कि हमे अगले चुनाव में जीता कर भेजे।पहला स्थान हमको जिले में मिले।

सवाल- जीवन का सबसे खुशी का पल क्या है।

उत्तर- खुशी का पल अब 2022 में ही आएगा।

सवाल-जीवन का सबसे दुखदायी पल।

उत्तर- पत्नी का निधन हो गया है। मेरे लिए दुख की बात है।

सवाल-राजनीति के अलावा और किस जगह आप समय देना चाहेंगे।

उत्तर- जनता के बीच ही रहेंगे। जनता के बीच मे ही रहते है। लोग मिल जाते है चाय वाय पीते है।

सवाल- राजनीति में बहुत बदलाव हुए है इसे कैसे देखते है।

उत्तर-हमने तो एक ही बार बदलाव किया है। बसपा से सपा में आये है। अब लेकिन बदलाव नही करेंगे।

सवाल-दलबदल कानून के बारे में क्या राय है।

उत्तर- दलबदल तो एक बार किया था लेकिन अब नही करेंगे। वहां कुछ अव्यवस्थाएं थी। सपा में हमारे नेता बढ़िया है। अब नही दल बदलेंगे।

सवाल-राजनीतिक दलों में क्या आंतरिक लोकतंत्र कायम है।

उत्तर- दलों में तो जैसा देश वैसा भेष है। जैसा लोकतंत्र है वो तो आप जान ही रहे है।

सवाल- विधायक के रूप में आपकी क्या उपलब्धियां है।

उत्तर-अब हमने तो सैकडों किलोमीटर सड़के बनवा दी है। बड़ी बड़ी पानी की टंकियां बनी है। 11 बड़े बड़े पुल बनाये गए हैं। पांच पावर हाउस बने है। सैकड़ो लोहिया आवास बनवा दिए है।

सवाल-क्षेत्र के लिए कोई काम छूट गया हो।

उत्तर- अब कुछ सड़के छूट गई है उनको बनवाया जाएगा।

सवाल-विधायक निधि मददगार होती है।

उत्तर- हां छोटे मोटे कामो के लिए विधायक निधि मददगार तो होती है।

सवाल - नौकरशाही ने कभी आपके कामो को रोड़ा अटकाया है।

उत्तर-नही ऐसा कभी नही हुआ। हमारे लिए नौकरशाही हमेशा मददगार रही है।

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