रजनीश मिश्र
गाजीपुर: अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही गाजीपुर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के उन तमाम हवाई सेवा वाले नगरों से जुड़ जाएगा, जहां से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय जहाजें उड़ान भरती हैं। यह उम्मीद जगाई है जिले के सांसद और केंद्रीय संचार एवं रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने।
मनोज सिन्हा ने अपना भारत से खास बातचीत में कहा कि अंधऊ स्थित इस हवाई पट्टी को विकसित करने की मांग क्षेत्र के लोगों द्वारा लंबे समय से उठाई जा रही थी। यदि ईश्वर ने चाहा तो यह मांग जल्द पूरी होगी। उन्होंने कहा कि रेल और जल मार्ग के बाद अब हवाई मार्ग से लहुरीकाशी को जोडऩे की तैयारी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने पूर्वांचल खास कर गाजीपुर और यहाँ की जनता को उपेक्षित रखा, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। गाजीपुर अपनी पहचान और प्रतिष्ठा को फिर से प्राप्त करेगा।
रेल राज्य मंत्री ने कहा कि गाजीपुर के जिलाधिकारी और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया (एएआई) के अधिकारी अंधऊ हवाई पट्टी को सिविल एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने के लिए सर्वे कर चुके हैं। टीम ने रनवे के लिए 1900 मीटर लंबाई की जमीन के अधिग्रहण की आवश्यकता जताई है। इसके लिए जिलाधिकारी को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया को भूमि की पैमाइश कराकर जल्द जमीन उपलब्ध करवाने को कह दिया गया है।
एयरपोर्ट बनने के बाद कोई एयरलाइंस उड़ान योजना के तहत अपनी रुचि दिखाती है तो शुरूआती स्तर पर दिल्ली और लखनऊ के लिए उड़ानें प्रस्तावित हैं। उम्मीद है जल्द ही इस बड़ी परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने बतायाकि रनवे के विस्तारी करण का काम दो चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में 70 सीटर विमान चलाने की योजना है और दूसरे चरण में बड़े विमान भी चल सकेंगे।
इन्होंने शुरू की थी कवायद
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत जिला के संयोजक राघवेंद्र शर्मा ने 9 अक्टूबर 2016 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन विभाग को पत्र लिख अंधऊ हवाई पट्टी को विकसित करने की मांग उठाई थी। इसके बाद जनवरी 2017 में केंद्र सरकार के विमानन मंत्रालय को पत्र भेजा था। नागर विमानन मंत्रालय ने इस पर कहा था कि अगर राज्य सरकार चाहे तो अंधऊ हवाई पट्टी से घरेलू उड़ानों का संचालन शुरू किया जा सकता है।
यूपी व बिहार के इन जिलों को होगा लाभ
अंधऊ एयरपोर्ट बनाए जाने से गाजीपुर जनपद के साथ-साथ आजमगढ़, मऊ, देवरिया, बलिया, जौनपुर और पश्चिमी बिहार के बक्सर, आरा, सासाराम, डुमरावं सहित अन्य जिलों के कारोबारियों, किसानों सहित प्रवासी भारतीय को को लाभ मिलेगा।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
सेवा निवृत्त मुख्य अध्यापक नंद किशोर मिश्र, परमहंस सिंह, दया शंकर चौबे और कांस्टेबल बब्बन यादव, प्रधानाचार्य अमरनाथ सिंह यादव व नंदलाल गुप्ता, चंद्रभूषण मिश्र आदि का कहना है कि अंधऊ हवाई पट्टी एयरपोर्ट बनाए जाने से न केवल गाजीपुर का रुतबा बढ़ेगा, बल्कि जिले में पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। इन लोगों का कहना है कि एयरपोर्ट बनने से लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही राजस्व भी बढ़ेगा, बशर्ते गाजीपुर के सांसद व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा द्वारा दिखाया गया सुनहरा सपना हकीकत में बदले तो।
अंग्रेजों ने बनाई थी हवाई पट्टी
गाजीपुर में ब्रिटिश सरकार ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंधऊ में हवाई पट्टी का निर्माण किया था। इस हवाई पट्टी का इस्तेमाल सैन्य व प्रशासन के लिए किया, लेकिन देश की आजादी के बाद से यह जिला और हवाई पट्टी उपेक्षा का शिकार होती रही और अब हालत यह है कि यहाँ यदा कदा नेताओं के हैलीकॉप्टर ही उतरते हैं। अन्यथा वर्ष भर यहां वर्ष भर सन्नाटा पसरा रहता है और हवाई पट्टी सरकारी अनाज के बोरे स्टोर किये जाते हैं. यहां पर सरकारी गेस्ट हाउस बना है और इस पट्टी की देखरेख पीडब्ल्यूडी के हवाले है।