Gonda: मनकापुर राजघराने के युवराज कुंवर विक्रम सिंह का निधन, मंगल भवन में छाया मातम
Gonda: मनकापुर राजघराने के कुंवर विक्रम सिंह राजा देवेंद्र प्रताप सिंह के पौत्र थे। कुंवर विक्रम सिंह अपने पिता डा. विनय सिंह की इकलौती संतान थे।
Gonda News: जिले के मनकापुर राजघराने में रविवार को उस समय शोक की लहर दौड़ गयी। जब राजघराने के इकलौते युवराज की असामयिक मौत हो गयी। कुंवर विक्रम सिंह का ह्दय गति रूकने के चलते निधन हो गया। युवराज की मौत की खबर ने सभी को स्तब्ध करके रख दिया। कुंवर विक्रम गोंडा के सांसद कीर्तिवर्धन सिंह के चचेरे भाई थे।
मनकापुर राजघराने के कुंवर विक्रम सिंह की मौत के बाद शोक में कस्बे की सभी प्रतिष्ठित व्यवसायिक दुकानें बंद कर दी गयी। कुंवर के निधन की खबर मिलते ही हर कोई शोक संवेदना जताने और अंतिम दर्शन के लिए मंगल भवन की तरफ दौड़ पड़ा। मंगल भवन परिसर में लोगों को तांता लगा हुआ है। सोशल मीडिया पर भी लोग मनकापुर राजघराने के कुंवर को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
तीन भाईयों में इकलौते वारिस थे कुंवर विक्रम सिंह
मनकापुर राजघराने के कुंवर विक्रम सिंह राजा देवेंद्र प्रताप सिंह के पौत्र थे। कुंवर विक्रम सिंह अपने पिता डा. विनय सिंह की इकलौती संतान थे। डॉ. विनय कुमार सिंह मनकापुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष थे। वर्ष 2012 में हुए निकाय चुनाव में कुंवर विक्रम सिंह निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे। यही नहीं, धुसवा चांद सीट से कुंवर विक्रम सिंह जिला पंचायत सदस्य भी चुने गए थे।
कुंवर विक्रम सिंह के पिता के तीन भाई थे। विनय सिंह, अतुल सिंह व मझिले भइया के नाम से यह भाई जाने जाते हैं। इन तीनों भाइयों में कुंवर इकलौते वारिस थे। कुंवर विक्रम सिंह के पिता डा. विनय सिंह ने पत्नी समेत खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। तब से कुंवर विक्रम सिंह अकेले ही मंगल भवन के वारिस थे। कुंवर विक्रम सिंह पूर्व मंत्री आनंद सिंह के रिश्तेदार थे। वह आनंद सिंह के भतीजे थे।
रात में खाना खाने के बाद सुबह नहीं उठे विक्रम
मनकापुर राजघराने के कुंवर विक्रम सिंह शनिवार रात खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने चले गये थे। रविवार सुबह जब परिवार और राज परिवार के कर्मचारियों ने उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। इसके बाद जब जबरदस्ती दरवाजा खोला गया तो वहां का नजारा देख सभी स्तब्ध रह गये। कुंवर विक्रम सिंह बिस्तर पर बेसुध पड़े हुए थे।
आनन-फानन में सीएचसी मनकापुर के चिकित्सकों को बुलाया गया। चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कुंवर के निधन की खबर मिलते ही मंगल भवन और पूरे मनकापुर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी। करीबियों की मानें तो कुंवर विक्रम पूरी तरह से स्वस्थ थे। किसी को भी उनके निधन पर विश्वास नहीं हो रहा है।