समूचा विश्व कुंभ का गुणगान कर रहा है जिसके लिए PM बधाई के पात्र हैं: विजय रूपाणी
कुंभ में गंगा की अविरल धारा को देख उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गंगा के प्रति आस्था है कि नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को अविरल बनाने का काम किया और कुभ की भव्यता का सम्पर्ण विश्व में गुणगान किया।
आशीष पाण्डेय,
कुंभ नगर: धर्म, आस्था और आध्यात्म के संगम दिव्य कुंभ भव्य कुंभ में जहां देश और दुनिया के कोने कोने से लोग पहुंच रहे हैं तो वहीं कुम्भ में आस्था के संगम में पुण्य की डुबकी लगाने में राजनेता किसी से पीछे नहीं है। इसी कड़ी में शुक्रवार को गुजरात के सीएम ने भी संगम में पत्नी संग स्नान कर , बांध में लेटे हनुमान मंदिर में पूजा के बाद वह किले के अन्दर अक्षयवट व सरस्वती कूप का भी दर्शन करने गए।
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गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सपत्नी गुरूवार की देर शाम प्रयागराज पहुंचे और वह प्रयागराज के कुंभ नगर स्थित टेंट सिटी पहुंचे जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया। सुबह उन्होंने अरैल स्थित संगम के वीआईपीट घाट पर स्नान के पश्चात परमार्थ निकेतन के शिविर में चिदानन्द सरस्वती से भेंट की और फिर वहीं हवन पूजन किया। इसके बाद वह बांध स्थित लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन करने पहुंचे।
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वहां अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि व महामंत्री हरि गिरि समें कई साधू संतो से मुलाकात की तथा आर्शीवाद लेने के बाद वह नरेंद्र गिरि संग हनुमान जी की पूजा अर्चना को पहुंचे और विधि विधान से पूजा अर्चना की। हनुमान जी की विशाल प्रतिमा देख वह प्रसन्न हो गए और कहा कि बजरंग बलि के इस मंदिर को देश के कोने कोने में लोग जानते हैं और यहां पूजा अर्चना करने का आ रहे हैं यह आस्था है जिसे कोई डिगा नहीं सकता।
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450 साल बाद लोगों को मिल रहा अक्षयवट दर्शन
बांध में लेटे हुए हनुमान जी की पूजा अर्चना के बाद वह योग गुरू आनंद गिरि संग किले की तरफ बढ़ गए। किले में पहुंच कर उन्होंने अक्षयवट के दर्शन किए और फिर सरस्वती कूप के दर्शन किए। थोड़ी देर वहां बैठे और आनंद गिरी से वार्ता करने लगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि लम्बी अवधि होती है 450 साल लेकिन इतनी लम्बी अवधि के बाद प्रधानमंत्री ने करोंड़ों लोगों की आस्था को नमन करते हुए जिस प्रकार से अक्षयवट एवं सरस्वती कूप दर्शन का अवसर प्रदान किया वह सराहनीय है।
कुंभ की दिव्यता, भव्यता के साथ ही स्वच्छता और सुरक्षा को भी सराहा
कुंभ में गंगा की अविरल धारा को देख उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गंगा के प्रति आस्था है कि नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को अविरल बनाने का काम किया और कुभ की भव्यता का सम्पर्ण विश्व में गुणगान किया। जिसका उदाहरण है कि विश्व के कोने कोने से लोग आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कुम्भ में स्वच्छता पर जोर दिया यह अब तक कभी देखने को नहीं मिला और सुरक्षा की भी चाक चौबंद व्यवस्था है। इसलिए दिव्य कुंभ भव्य कुम्भ तो है साथ ही स्वच्छ आर सुरक्षित कुंभ भी है।