हापुड़: यहां रेल गाड़ी में बैठकर पढ़ाई करते हैं बच्चे, पढ़ें पूरी खबर

Update:2018-10-28 13:52 IST

हापुड़: यूपी के जनपद हापुड़ में रेल गाड़ी में बैठकर बच्चे पढ़ाई करते है, सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा है लेकिन ये क्या है पूरा मामला पढ़े, सिम्भावली विकास खंड के गांव अट्टा धनावली में बच्चे प्रति दिन स्कूल आते हैं और रेलगाड़ी में बैठकर पढ़ाई करते हैं, रेलगाड़ी में बैठने का आनंद लेने के लिए बच्चे स्कूल जाने की जिद करते हैं।

यह भी पढ़ें: ‘मन की बात’ में बोले मोदी- शांति का मतलब केवल ‘युद्ध न होना’ नहीं

इस गांव के सरकारी विद्यालय को रंग-रोगन कर उसे रेलगाड़ी का आकार दिया गया है, जो बच्चों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर रही है। ग्राम प्रधान के पति और जिला पंचायत सदस्य के.के. हूण के प्रयासों के कारण सरकारी विद्यालय को आर्कषक बनाया गया है।

यह भी पढ़ें: इन 7 Outdated Technology को आज भी इस्तेमाल करते हैं हम

उन्होंने बताया कि शिक्षकों के सहयोग से उन्होंने स्कूल का सौंदर्यकरण कराया। स्कूल के कमरों को रेलगाड़ी का स्वरूप दिया गया है। इसे देख बच्चे स्कूल की ओर आकर्षित होने लगे हैं। अब गांव के नौनिहाल कहते हैं कि वह तो रेलगाड़ी वाली स्कूल में पढ़ाई करेंगे।

पहले बहुत कम थी छात्र संख्या

गांव के इस विद्यालय में छात्र संख्या बहुत कम थी। बच्चों को निजी स्कूलों में भेजा रहा था। इस परिस्थिति को बदलने के लिए ग्राम प्रधान माधवी सिंह और उनके पति के.के. हूण ने मिलकर स्कूल के प्रधानाचार्य और ग्रामीणों के साथ बैठक की।

यह भी पढ़ें: एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी (हॉकी) : जापान से जीता भारत, पाकिस्तान से होगी खिताबी जंग

बाहर से अनुभवी कलाकार बुलाए। विद्यालय भवन के कमरों को ऐसा लुक दिया कि पूरी स्कूल रेलगाड़ी की तरह दिखाई दे। स्कूल के इस आकर्षक स्वरूप के कारण इस स्कूल में बच्चों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

कमरों के आगे बनाया डिजाइन

कमरों के आगे विभिन्न डिजाइन बनाकर उसके ऊपर शिक्षा एक्सप्रेस लिखकर हर कमरे का अलग-अलग नाम दिया है। बच्चे इसे देखकर प्रभावित हुए एवं स्कूल में दिन प्रतिदिन छात्र संख्या बढ़ने लगी। इसके साथ प्रधानाचार्य हर समय स्टाफ को साथ लेकर स्कूल की सफाई के काम सहित पेड़-पौधों की देखभाल करते हैं।

क्या कहते हैं जिला पंचायत सदस्य

इस मामले में पंचायत के सदस्य कृष्णकांत हूण का कहना है कि, ‘मेरे मन में कुछ नया करने की रहती है। रंग-रोगन कर रेलगाड़ी का लुक दिया, तो बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी। भविष्य में जन सहयोग से मैदान में प्लेटफार्म बनाने की योजना है।’

वहीं, ग्राम प्रधान माधवी सिंह कहती हैं कि, ‘क्षेत्र में निजी स्कूलों का दबदबा है। संचालक एक-एक बच्चे के लिए संपर्क करके छात्र संख्या बढ़ाने में लगे हैं। वर्षों से सरकारी स्कूलों की छात्र संख्या में कमी आ रही थी, लेकिन इस बार गांव की सरकारी स्कूल में छात्र संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह एक बेहतर स्थिति है।’

Tags:    

Similar News