यूपी में प्रदूषण से धुंध पर HC गंभीर, सरकार से पूछा- समस्या से कैसे निपट रहे हैं आप?

Update: 2016-11-08 18:35 GMT

लखनऊः राजधानी और प्रदेश के अन्य इलाकों में प्रदूषण की वजह से छाई धुंध को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सख्त रुख अपनाया है। इस बारे में दाखिल दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एपी शाही और जस्टिस अनिल कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की बेंच ने यूपी सरकार से जवाब मांगा। सरकार से कोर्ट ने पूछा है कि इस समस्या से निपटने के लिए वह क्या कर रही है। सरकार को सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश भी बेंच ने दिया। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी।

किसने दाखिल की है याचिका?

बता दें कि लखनऊ और सूबे के तमाम इलाकों में प्रदूषण से फैली धुंध को लेकर वकील अजमल खान, महिमा पवार और अन्य की तरफ से मंगलवार को दो जनहित याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इनमें राज्य और केंद्र सरकार के कदमों का नाकाफी बताते हुए कोर्ट से दखल की गुजारिश की गई है।

सरकार ने क्या कहा?

याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने बेंच से कहा कि उसने वायु प्रदूषण रोकने के लिए पिछले और इस साल कई आदेश जारी किए। खेतों में पराली यानी फसलों का अवशेष जलाने पर रोक है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भी सुनवाई चल रही है।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने कहा कि शहर में छाई धुंध वायु प्रदूषण और पर्यावरण में बदलाव की वजह से लग रही है। इससे निपटने के लिए राज्य सरकार को तुरंत कदम उठाना चाहिए। कोर्ट ने एक मीडिया रिपोर्ट में दिए सुझाव पर भी सरकार को गौर करने को कहा। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि धुंध खत्म करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव और क्लाउड सीडिंग प्रभावी हो सकते हैं।

कहां-कहां है धुंध?

हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने से यूपी की राजधानी लखनऊ, मुरादाबाद, इलाहाबाद, अमेठी, बाराबंकी, गोंडा, सुलतानपुर के साथ एनसीआर के मेरठ, नोएडा और गाजियाबाद में दिवाली के बाद से खतरनाक धुंध छाई है। दृश्यता कम होने से कई जगह एक्सीडेंट भी हो रहे हैं। हालांकि, वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में मंगलवार को धुंध कम रही।

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