इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने ऐसे शिक्षामित्रों की 72825 सहायक अध्यापक भर्ती के रिक्त पद पर नियुक्ति देने के मामले में प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। जिन्होंने बीएड और टीईटी उत्तीर्ण किया था और प्रशिक्षु अध्यापक का नियुक्ति पत्र भी प्राप्त कर चुके थे। मगर मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के कारण ज्वाइन नहीं किया।
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अरविन्द कुमार और 27 अन्य शिक्षामित्रों की याचिका पर न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल सुनवाई कर रहे हैं। याची के अधिवक्ता का कहना था कि याचीगण टीईटी उत्तीर्ण हैं और 72825 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए उन्होंने आवेदन किया था। उनको प्रशिक्षु सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया। छह माह के प्रशिक्षण के बाद उनको सहायक अध्यापक के पद पर मौलिक नियुक्ति दी जानी थी। इस दौरान शिक्षामित्र होने के कारण इनका समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर हो गया।
इधर 72825 सहायक अध्यापक मामला शिवकुमार पाठक केस में सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था, इसलिए याचीगण ने प्रशिक्षु अध्यापक के पद पर ज्वाइन नहीं किया था। 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया है। शिवकुमार पाठक केस का निस्तारण करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 72825 सहायक अध्यापक भर्ती में करीब छह हजार पद अभी रिक्त हैं।
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याचीगण का कहना था कि चूंकि वह चयनित प्रशिक्षु अध्यापक हैं और छह हजार पद अभी भी रिक्त है। इसलिए इनको रिक्त पदों पर नियुक्ति दी जाए। कोर्ट ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से पूछा है कि क्यों नहीं याचीगण को रिक्त पदों पर नियुक्ति दी जानी चाहिए।
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