वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले दो दिनों में कानपुर वासियों को मिलेगी गर्मी से राहत
28 व 29 मई को कानपुर में बूंदा-बांदी होने की संभावना
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले दो-तीन दिनों से मौसम बेहद गर्म हो गया है और जिसका असर अब आम आदमियों के जनजीवन पर भी दिखने लगा है। लोगों का गर्मी के मारे बुरा हाल है, लेकिन कानपुर के मौसम वैज्ञानिकों ने संभावना जताई है कि 28 और 29 मई के बाद कानपुर व उसके आसपास अन्य क्षेत्रों में आम लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिलने की संभावना है।
बताते चलें कि चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान है की यास साइक्लोन का असर लखनऊ के पश्चिम में कानपुर मण्डल सहित अन्य जिलों में दिनांक 28 एवं 29 मई को क्लाउड के साथ थोड़ी बहुत बूंदाबांदी होगी जाकि भी 5 मिली मीटर से कम होने की संभावना है। कानपुर मंडल में अगले दो दिनों में जो अभी तक शुष्क हवाएं चल रही थी आज दिनांक 27 मई से यास तूफान के कारण अब बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नम एवं आद्र हवाएं आने लगेगी। जिससे उत्तर प्रदेश के कानपुर सहित मध्य जिलों में तापमान बढ़ने पर रोक लगेगी लेकिन उत्तर भारत के दिल्ली राजस्थान पंजाब में तापमान में बढ़ोतरी संभावित है और कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। हवाओं की गति भी 20 किलोमीटर के ऊपर नहीं जाएगी।
क्या बोले मौसम वैज्ञानिक
चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉक्टर एस एन सुनील पांडे ने बताया दक्षिण पश्चिम मानसून के अपने नियत समय पर आने की संभावना है जैसा कि वेदर मॉडल देखने पर संभावना व्यक्त की जा रही है की नार्दन लिमिट ऑफ मानसून जिसको मानसून की उत्तरी रेखा कहते हैं वह श्रीलंका के मध्य भाग को पार कर चुकी है लेकिन आगे बढ़ने के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। समुद्र की स्थितियां जैसे तापमान एवं वायु की दिशा के साथ अरब सागर से दक्षिण पश्चिम हवाएं जो मानसून लेकर आती हैं वह स्ट्रांग होने लगी है पश्चिमी तटों पर प्री मानसून गतिविधियां बढ़ी हैं। यास तूफान के कारण मानसून अगले 48 से 72 घंटों में केरल के तट पर दस्तक दे सकता है।
बदलते मौसम में रहें सावधान
महामारी काल में मौसम ने भी अपना रूख बदलना शुरू कर दिया है ऐसे में लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि जहां एक तरफ वायरस घेरे हुए है और दूसरी तरफ तूफान का कहर बरपा रहा है। गर्मी के बीच अचानक ठंड का अनुभव और फिर उमस भरी गर्मी होने के कारण बरती गई अनदेखी खतरनाक साबित हो सकती है। इस दौरान अनियमित रहन सहन और लापरवाही के कारण लोग बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। मौसम में बदलाव के मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
मौसम बदलने के बाद बच्चे एवं बुर्जुगों की सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है। इस दौरान सर्दी, जुकाम को अनदेखा करना परेशानी का सबब बन सकता है। इसको लेकर हर आयुवर्ग के लोगों को विशेष सतर्कता की आवश्यकता होती है। कोरोना वायरस को देखते हुए इस दौरान नियमित खान पान और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। इस दौरान वायरल इंफेक्सन का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। शुरूआती सावधानी बरतकर लोग बीमारियों से बहुद हद तक सुरक्षित हो सकते हैं।