कांवड़ यात्रा की हेलिकॉप्टर व ड्रोन से होगी निगरानी
सावन के महीने में होने वाले कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए शासन के अनुरुप उत्तर प्रदेश पुलिस ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस साल यह यात्रा 18 जुलाई से शुरू होने वाली है
लखनऊ: सावन के महीने में होने वाले कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए शासन के अनुरुप उत्तर प्रदेश पुलिस ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस साल यह यात्रा 18 जुलाई से शुरू होने वाली है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद पांडेय और पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने रविवार को ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में बताया कि कांवड़ यात्रा को सुरक्षित सम्पन्न करने के लिए हर तरह से सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।
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हेलिकॉप्टर और ड्रोन से निगरानी
इस बार कांवड़ियों की सुरक्षा और आतंकी गतिविधियों को रोक लगाने के लिए हेलिकॉप्टर और ड्रोन के साथ ही स्नाइपरों को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के अफसरों के साथ इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन से बातचीत की गई है।
इतना ही नहीं सीआरपीएफ, आरएएफ, पीएसी के अलावा यूपी पुलिस के आठ हजार जवानों को लगाया गया है। कांवड़ ले जाने वाले पूरे रास्ते पर निगरानी के लिए हेलिकॉप्टर ड्रोन की मदद ली जाएगी। कांवड़ यात्रा के मार्ग पर सुरक्षा को देखते हुए कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी। उसमें सभी विभाग के अफसर तैनात रहेंगे, जो किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार होंगे।
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इस बार स्नाइपर तैनात रहेंगे
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि इस बार कांवड़ यात्रा और कांवड़ मेले को सुरक्षा के लिए स्नाइपर्स को भी तैनात किया जाएगा। पिछली बार चार स्थानों पर आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। कुछ जगहों पर देखा गया था कि भीड़ में वाहनों के इस्तेमाल की कोशिश की गई थी जिस से भगदड़ मचे। इसलिए इस ओर भी उनकी कड़ी नजर रहेगी।
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सड़कें जल्द ठीक करे पीडब्ल्यूडी
मुख्य सचिव अनूप चन्द पांडे ने कहा कि राष्ट्रीय राज्यमार्ग और पीडब्ल्यूडी के अफसरों के साथ ही स्थानीय निकाय के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कांवड़ ले जाने वाले मार्ग पर टूटी सड़कों को 18 जुलाई तक ठीक कर लें।
यात्रा के दौरान ट्रैफिक को किस तरह डायवर्ट किया जाए, जिससे आम लोगों को दिक्कतें न हों, उस पर भी विस्तार से चर्चा की गई। सिंचाई विभाग के अफसरों से गंग नहर की पटरियों के दुरुस्तीकरण के बाबत भी बात की गई है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ भी चर्चा की गई कि कहां-कहां पर हेल्थ कैंप लगाए जाने हैं। एंबुलेंस की क्या व्यवस्था होगी और उनको तैनात कहां करना है, बिजली विभाग को कहां कनेक्शन देने हैं। कहां बिजली के तार ढीले हैं, जिससे हादसे हो सकते हैं, उन्हें जल्दी से ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि मेले में तैनात होने वाले अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपना व्यवहार मधुर रखें। उन्होंने बताया कि उनका और सरकार का संकल्प है कि कुंभ मेले की तरह ही कांवड़ मेले को भी सफलता से संपन्ना कराएंगे।
पिछले वर्ष से सबक लेकर न दोहराई जाएं घटनाएं
डीजीपी ने बताया कि वर्ष-2017 में छोटी-बड़ी 36 घटनाएं हुई थीं। वर्ष-2018 में सिर्फ 17 घटनाएं हुईं। इस वर्ष इसे और कम करने की कोशिश होगी। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली शराब और मीट की दुकानें बंद रहेंगी।