Kushinagar News: बड़ी लाइन होने के दशको बाद भी नहीं बढ़ी पडरौना रेलवे स्टेशन की बुनियादी सुविधाएं
Kushinagar News: जिला मुख्यालय से सबसे नजदीक पूर्वोत्तर रेलवे का रेलवे स्टेशन पडरौना अमान परिवर्तन के एक दशक बीत जाने के बाद भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है।
Kushinagar News: जिला मुख्यालय से सबसे नजदीक पूर्वोत्तर रेलवे का रेलवे स्टेशन पडरौना अमान परिवर्तन के एक दशक बीत जाने के बाद भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। 2011 में छोटी लाइन से बड़ी लाइन कर दी गई लेकिन यात्रियों की बुनियादी सुविधाओं को नहीं बढ़ाया गया। यात्रियों की बुनियादी में पेयजल, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था नहीं है। सब कुछ पुरानी ढर्रे पर चल रहा है। शौचालय तो रेलवे स्टेशन पर बना है लेकिन हमेशा ताला लटका रहता है।
दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए कोई फुटब्रिज नहीं है। जिससे यात्रियों को ट्रैक पाकर दूसरे प्लेटफार्म पर जाना जान जोखिम में डालने के बराबर है। पूर्वोत्तर रेलवे रेल पथ कप्तानगंज- थाने उपेक्षा का शिकार है। इस रूट पर ज्यादा सवारी गाड़ियां नहीं है।जब अमान परिवर्तन हो रहा था तो लोगों में उम्मीद जगी थी कि यह रेल पथ सबसे प्रभावी होगा। लेकिन स्थिति जस की तस रह गई। नहीं तो छोटी लाइन के समय जो ट्रेनें चलती थी उससे भी कम ट्रेनों इस रूट कर दी गई।
कुशीनगर का उत्तरी इलाके से यह रेल रूट गुजरता है। यह क्षेत्र अभी भी पिछड़ा हुआ है। रेल मार्ग ही यात्रा का सबसे साधन है। हालांकि जनपद से सत्ता पक्ष के साथ विधायक एवं एक सांसद हैं फिर भी इस रूट का अच्छे से विकास नहीं करा पा रहे हैं। यहां बताते चलें कि कप्तानगंज से थावे रेल पथ 2011 से पहले छोटी लाइन थी। 2010 से अमान परिवर्तन शुरू हुआ और 2011 में इस रूट पर बड़ी लाइन कर दी गई और सवारी गाड़ियां चलने लगी। सामरिक दृष्टि से पडरौना रेलवे स्टेशन काफी महत्वपूर्ण स्टेशन है। बड़ी लाइन बनने के बाद प्लेटफार्म को ऊंचा कर स्टेशन की रंगाई पुताई तो कर दी गई लेकिन जो बुनियादी सुविधाएं हैं उस पर ध्यान नहीं दिया गया। पडरौना नगर वासी सहित दूरदराज के लोग इस स्टेशन के माध्यम से लखनऊ, दिल्ली सहित दूरदराज इलाकों मे जाते हैं।
स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा की कोई बढ़ोतरी नहीं की गई अधिकांश समय पीने के पानी की टोटियां खराब रहती है। सबसे अहम समस्या फुट ब्रिज का है दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए ट्रैक को पार कर यात्री दूसरे प्लेटफार्म पर जाते हैं। महिला, बूढ़े और बच्चे को दूसरे प्लेटफार्म पर जाने में काफी असुविधा होती है। इस संबंध में स्टेशन मास्टर ने बताया कि यात्रियों की सुविधाओं की वृद्धि के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। अधिकारियों के निरीक्षण के समय भी बुनियादी सुविधाओं की मांग रखी जाती है। अधिकारी भी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।