बहराइच: 540 बंदियों की क्षमता वाले बहराइच डिस्ट्रिक जेल में बहराइच और श्रावस्ती के 1320 कैदी बंद हैं। जिसकी वजह से यहां सुविधाओं और कर्मचारियों की जबरदस्त कमी है। खाने की खराब गुणवत्ता हो या फिर बैरक में रहने का मामला हो, इसको लेकर कई बार बंदी हंगामा भी कर चुके है।
इंडो-नेपाल बॉर्डर पर है डिस्ट्रिक्ट जेल
-ब्रिटिश काल में स्थापित बहराइच का डिस्ट्रिक जेल भारत-नेपाल बॉर्डर पर है।
-इस जेल में 13 पुरुष और 2 महिला बैरक हैं।
-इस जेल में 275 कैदी श्रावस्ती जिले के हैं।
-वहीँ 150 कैदी नेपाल देश के हैं।
कई सालों से हैं महत्वपूर्ण पद खाली
-डिप्टी जेलर जैसे महत्वपूर्ण पद कई सालों से खाली चल रहे हैं।
-यही नहीं बहराइच जेल से श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बाराबंकी, लखनऊ, फैजाबाद, लखीमपुर तक कैदियों को जाना होता है।
-कैदियों के लौट कर आने पर जेल खोलनी पड़ती है।
-इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है।
-बहराइच डिस्ट्रिक जेल से आधा दर्जन से ज्यादा कैदी फरार भी हो चुके हैं।
-कैदियों और जेलर के बीच विवाद भी हो चुका है।
जिला कारागार में पद और तैनाती का विवरण
पद स्वीकृत तैनात खाली
जेल अधीक्षक 1 1 0
डिप्टी जेलर 4 2 2
उपकारापाल 4 2 2
प्रधान बंदी रक्षक 7 2 5
महिला बंदी रक्षक 8 1 7
बंदी रक्षक 54 48 6
रिजर्व प्रधान बंदी रक्षक 2 1 1
क्या कहते हैं जेलर
-जेलर, सुरेश सिंह ने बताया कि जेल की शांति व्यवस्था को भंगकर आराजकता फैलाने वाले छह कैदियों को चिंहित किया गया था।
-जिनमें अशोक धर दूबे, जगन्नाथ सिंह, तेजबाबू सिंह, सुदीप तिवारी, प्रताप नारायण, बड़कऊ शामिल थे।
-इनको प्रशासनिक आधार पर सीतापुर, लखीमपुर और बाराबंकी की जेलों में शिफ्ट कराया गया।
क्या कहते हैं जेल अधीक्षक
-जेल अधीक्षक ललित मोहन पांडेय का कहना है कि जेल में बंद कैदियों के भोजन की गुणवत्ता को स्वयं परखता हूं।
-रिक्त पदों को भरने के लिए कई बार कारागार महानिरीक्षक से पत्रचार किया गया है।
-पद न भरे जाने से होने वाली समस्याओं से अवगत कराया जाता है।
-बीमार कैदियों को चिंहित कर उनके इलाज की व्यवस्था कराई जाती है।
-जेल में कैदियों से मिलने आने वाले लोगों पर भी खास ध्यान दिया जाता है।
-कैदियों को इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि उनको जेल में कोई समस्या है तो उन्हें अवगत कराएं।