Lakhimpur Kheri: बाढ़ खण्ड के प्रयासों के बावजूद भी दो गांव धारा में हुए विलीन, ग्रामीणों ने लगाए ये आरोप

Lakhimpur Kheri: बाढ खण्ड के प्रयासों के बावजूद भी दो गांव धारा में विलीन हो गए हैं। ग्रामीणो ने प्रशासन पर राहत व बचाव कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।

Update: 2022-09-26 13:38 GMT

बाढ खण्ड के प्रयासों के बावजूद भी दो गांव धारा में हुए विलीन

Lakhimpur Kheri: पहाड़ों पर हो रही बरसात व क्षेत्र में चल रही मूसलाधार बारिश के कारण घाघरा नदी (Ghaghra River) वर्तमान समय में विकराल, भयानक व विद्धन्संक रौद्र रुप धारण कर क्षेत्रीय लोगों के आशियाने व कृषि योग्य भूमि फसलों समेत नदी की धारा मे विलीन हो रही है। मजे की बात यह है कि बाढ़ खण्ड के अधिकारी राहत व बचाव कार्य जारी रखने का दावा करते नहीं थकते। जबकि शासन से राहत व बचाव कार्य के लिए करोड़ों रुपये का भारी भरकम बजट जारी हुआ है, जिसका बदंरबाट होना तय है। जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ ओके होने का हवा हवाई बयान मीडिया को देने मे गर्व महसूस करते है जबकि जमीनी हकीकत बिलकुल उल्टा है।

पहाडो पर हो रही बरसात के कारण क्षेत्र में भी बीच बीच मे हो रही मूसलाधार बारिश ने क्षेत्रीय लोगों हिलाकर रख दिया है। खेतों में खडी फसलों में जलभराव होने से फसले भी तहस नहस हो चुकी है। दूसरी तरफ क्षेत्र में मौजूद घाघरा नदी (Ghaghra River) वर्तमान समय मे अपने पूरे रगं में बह रही है। क्योकि इस नदी मे पहाड़ों के पानी के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल का पानी मिलकर भारत में तबाही की पटकथा लिखता है।


घाघरा नदी में 300 आशियाने हुए विलीन

धौरहरा क्षेत्र (Dhaurahra area) में इस बरसाती सीजन में शारदा नदी (Sharda River) कमजोर हालत मे दिखी लेकिन दूसरी तरफ घाघरा नदी ने रही सही कसर पूरी करी। घाघरा की विनाशकारी लहरो में अब तक अलग अलग स्थानो पर लगभग 300 आशियाने विलीन हो गये है।


इन गांव में हुआ नदी कटान  

ईसानगर विकास खण्ड के मिर्जापुरवा, हटवा, मिलिक आदि गांव भी नदी कटान की जद में शामिल रहे। अकेले ग्राम पंचायत कैरातीपुरवा के मजरे विलासपुरवा व महादेवपुरवा में 150 आशियाने नदी के अंदर समाने के साथ साथ वहा के बासिंदे अब अपना बजूद तलाशने के साथ निर्वासित जीवन जीने को विवश है। समाचार प्रेषण इसी पंचायत के एक और गांव बेलागढी एक दर्जन आशियाने भी तेज धारा में समा चुके हैं। ग्रामीणो के अनुसार यहां तक पहुचने के लिए मार्ग नहीं है। बाढ़ खण्ड द्वारा सिर्फ पेडो की शाखाओ को नदी में डालकर बचाव करने का असफल प्रयास किया जाता है।


बाढ़ खण्ड के प्रयास बराबर जारी

बाढ़ खण्ड के जे ई हृदय राम वर्मा के मुताबिक बाढ़ खण्ड के प्रयास बराबर जारी है। आवागमन की समस्या के कारण अन्य उपाय नहीं हो पा रहे हैं। मौके पर ग्रामीण अपना आशियाना तोड़ते व सामान उठाते नजर आऐ। इस संम्बंध में एसडीएम धौरहरा धीरेन्द्र सिहं से बात करने की कोशिश की गई मगर साहब का नहीं उठा।

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