Lucknow News: महाकुंभ में प्रदेश सरकार के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय और यूनिसेफ खोया पाया केंद्र पर करेगा मदद
लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग ने महाकुंभ मेला 2025 के दौरान खोया-पाया (डिजिटल खोया-पाया केंद्र) पहल को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और यूनिसेफ के साथ सहयोग किया है।;
Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग ने महाकुंभ मेला 2025 के दौरान खोया-पाया (डिजिटल खोया-पाया केंद्र) पहल को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और यूनिसेफ के साथ सहयोग किया है। बता दें कि यह मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक प्रयागराज में आयोजित होगा। जिसमें लगभग 35 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।
सुरक्षा और कल्याण की प्राथमिकता
इस विशाल आयोजन में विशेष रूप से कमजोर समूहों जैसे बच्चों, विकलांग व्यक्तियों, महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है। यूनिसेफ के सहयोग से खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो नवीनतम तकनीक से लैस हैं। प्रो. अनूप कुमार भारतीय ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य बाल संरक्षण तंत्र को बढ़ाना और परिवार से अलग होने की स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान करना है। प्रो. अनूप कुमार भारतीय ने बताया कि यूनिसेफ, डीडब्ल्यूसीडी और मेला अधिकारी कार्यालय की सहायता करने वाली ई एंड वाई टीम के सहयोग से, इस साझेदारी का उद्देश्य बाल संरक्षण तंत्र को बढ़ाना और आयोजन के दौरान परिवार से अलग होने से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और आसान बनाना है।
प्रो. अनूप कुमार भारतीय ने बताया कि इस पहल के तहत प्रयागराज में डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड सेंटरों पर मनोवैज्ञानिक समर्थन और सहायता प्रदान करने के लिए 25 प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को तैनात करते हुए स्वयंसेवकों को लगातार दो दिन प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। स्वयंसेवकों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाने, आघात और आपातकालीन प्रतिक्रियाओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है।
महत्वपूर्ण दिनों की तैयारी
महाकुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे महत्वपूर्ण दिनों पर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ को संभालने के लिए विशेष योजना बनाई गई है। प्रो. भारतीय ने बताया कि लापता व्यक्तियों को उनके परिवारों से मिलाने की सफलता दर बढ़ाने के लिए निरंतर निगरानी और गुणवत्ता आश्वासन लागू किया जाएगा। यह सहयोग महाकुंभ मेला 2025 को एक सुरक्षित और समावेशी आयोजन बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो बाल संरक्षण सिद्धांतों और सामाजिक जिम्मेदारी को बनाए रखने का प्रतीक है।