Lucknow Crime: लॉकर होल्डर्स के लिए चुनौती साबित होगी चोरी हुए सामान की वापसी, दिखाने होंगे कागज

Lucknow Crime: घटना में अरविंद कुमार चौधरी, बलराम कुमार, कैलाश बिंद, मिथुन कुमार, सोबिंद कुमार, सन्नी दयाल और विपिन कुमार समेत कुल सात आरोपी शामिल थे।

Report :  Santosh Tiwari
Update:2024-12-24 13:48 IST

लॉकर होल्डर्स के लिए चुनौती साबित होगी चोरी हुए सामान की वापसी (न्यूजट्रैक)

Lucknow Crime: राजधानी लखनऊ के चिनहट स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकर तोड़ कर चोरी की गई सामग्री को वापस हासिल कर पाना लॉकर मालिकों के लिए अब किसी चुनौती से कम नहीं है। अगर पुलिस चोरों को पकड़ कर उनसे चोरी का सारा माल बरामद भी कर लेती है तो भी मालिक सीधे उसे कोर्ट के माध्यम से अपना नहीं बता सकते और न ही इससे उन्हें चोरी हुआ सामान वापस मिल जाएगा। चोरी गई सामग्री वापस पाने के लिए अब उन्हें कागजी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।

गहनों के प्रमाण दिखाएं तभी होगी पुष्टि

जेसीपी अमित वर्मा ने बताया कि बैंक के लॉकर होल्डर्स जो भी सामान चोरी होने का दावा कर रहे हैं उन्हें बकायदा उसके प्रूफ दिखाने पड़ेंगे। उदाहरण के तौर पर यदि किसी के गहने चोरी गए हैं तो उन्हें गहनों की रसीद, प्रमाण पत्र आदि दिखाने पड़ सकते हैं। इसके बाद भी स्पष्ट होगा कि उन्होंने जो सामान खोने का दावा किया है वह उन्हीं का है। इसके बाद सामग्री की शिनाख्त परेड कराई जाएगी। मालिकाना हक साबित होने के बाद ही सामग्री कानूनी कार्रवाई के बाद उनके मालिकों को मिल सकेगी।

यहां फंसेगा पेंच

चोरी हुआ सामान वापस पाने में एक बड़ा और मजबूत पेंच फ़ंसेगा। दरअसल बैंक में कई लॉकर होल्डर्स ऐसे भी होंगे जिनके गहने और जेवरात उन्हें पूर्वजों से मिले होंगे और कई पीढ़ियों पुराने होंगे। ऐसे में उन लोगों को मालिकाना हक साबित करने में तमाम अड़चनें सामने आएंगी। यदि मालिकाना हक साबित नहीं कर पाए तो सामान वापस पाने में भी मुश्किल होगी। इसके अलावा जिन लोगों ने अहम दस्तावेज और कैश रखा होगा उनके लिए भी समस्याएं होंगी।

पुलिस की चुनौती होगी रिकवरी और असल मालिक को ढूंढना

बैंक में हुई चोरी के बाद चिनहट पुलिस भले ही चोरों से माल बरामद कर ले लेकिन उनके मालिक तक पहुंचा पाना आसान नहीं होगा। किस व्यक्ति के लॉकर में क्या सामान रखा था इसका रिकॉर्ड बैंक के पास नहीं रहता ऐसे में लोगों के दावे की पुष्टि करना पहली चुनौती होगा। साथ ही शिनाख्त परेड में भी सामग्री के असल दावेदार को चिन्हित करने में कठिनाई होगी। हालांकि पुलिस अभी सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास में है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू होगी।

अब तक हो चुकी यह कार्रवाई

घटना में अरविंद कुमार चौधरी, बलराम कुमार, कैलाश बिंद, मिथुन कुमार, सोबिंद कुमार, सन्नी दयाल और विपिन कुमार समेत कुल सात आरोपी शामिल थे। इनमें से चिनहट पुलिस ने अरविंद कुमार को मुठभेड़ के बाद पकड़ा। उसकी निशानदेही पर बलराम कुमार एवं कैलाश को भी सोमवार को गिरफ्तार किया। वहीं, मंगलवार देर रात चिनहट पुलिस और गाजीपुर जनपद की पुलिस ने दो अलग अलग मुठभेड़ों में सोबिंद कुमार और सन्नी दयाल को मार गिराया। तीन अभियुक्त अब भी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में है।

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