सरकारी नौकरी छोड़ बुलेट पर भारत भ्रमण के लिए निकल पड़ा यह शख्स

Update:2016-04-24 11:55 IST

वाराणसी: सरकारी नौकरी छोड़कर भारत भ्रमण पर निकले ध्रुव ढोलकिया इन दिनों वाराणसी में हैं। केवल देश की विभिन्न संस्कृति और सभ्यता को जानने के लिए राज्यों का सफ़र कर रहे ढोलकिया छह महीनों से से ज्यादा का सफ़र तय कर चुके हैं जिसमे उन्होंने देश के 21 राज्यों का भ्रमण किया है।

उन्होंने अभी तक लगभग 17 हजार किलोमीटर की यात्रा तय कर ली है। वे लोगों को एकता का संदेश देना चाहते हैं। ढोलकिया को वाराणसी बहुत ही ज्यादा पसंद आ रहा है और वह पिछले एक महीने से यहां रुके हैं।

ध्रुव ढोलकिया

क्यों शुरु किया ढोलकिया से भारत भ्रमण

-अपने यात्रा के बारे बात करते हुए ढोलकिया ने बताया, मैं मुम्बई में दादर का रहने वाला हूं।

-मुंबई की लाइफस्टाइल के कारण मैं अंग्रेजी सभ्यता की ओर ज़्यादा आकर्षित हो गया था।

-इससे मेरी निजी ज़िंदगी में कई परेशानियां आ गई थी।

वाराणसी में ध्रुव ढोलकिया

-इसके बाद मैं भारतीय सभ्यता की ओर मुड़ा और सबसे पहले योग का सहारा लिया।

-योग से ज़िंदगी में आए परिवर्तन ने मुझे अपनी संस्कृति के बारे में जानने के लिए उत्साहित किया।

-इसके बाद मैं भारत भ्रमण पर निकल गया।

देते हैं अखंडता और एकत का संदेश

-ढोलकिया अब तक 21 राज्यों का सफ़र तय कर चुके हैं।

-वह जिस राज्य में जाते हैं, वहां के मंदिर, मस्जिद, गुरद्वारा और चर्च जरूर जाते हैं।

-वह लोगों को देश की अखंडता और एकता का संदेश देते हैं।

-वह सभी धर्म के धर्मगुरुओं से मिलकर राष्ट्रीय एकता को बढ़ाने का प्रयास करते हैं।

क्यों देते हैं एकता और अखंडता का संदेश

-ढोलकिया का कहना है कि देश में असहिष्णुता जैसा कुछ नहीं है।

-मैं इतने राज्यों में घूमकर आया हूं, असहिष्णुता जैसी बातें सिर्फ राजनीतिक दल कर रहे हैं।

-सफ़र के दौरान मुझे कभी किसी हिन्दू ने अपने घर में रहने दिया तो कभी एक्सिडेंट होने पर मुस्लिम ने मेरा उपचार कराया।

-असहिष्णुता जैसी बातें सिर्फ लोगों डराने के लिए की जा रही हैं।

कई संस्कृतियों का मिश्रण है वाराणसी

-ढोलकिया बनारस के बारे में कहते है कि इस शहर में अध्यात्म की शक्ति है जो मुझे रोके हुई है।

-मैं रोज सोचता हूं कि कल निकलूंगा लेकिन फिर रुक जाता हूं।

-यहां के लोगों से जानने के लिए बहुत कुछ है।

-यह शहर कई संस्कृतियों का मिश्रण है।

-ढोलकिया प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान से भी काफी प्रेरित है।

-स्थानिय निवासी विक्की जायसवाल ध्रुव से मिलकर काफी खुश है।

-उनका जज्बा देखकर लोग उनका उत्साहवर्धन और स्वागत कर रहे है।

15 दिनों में ख़त्म हो जाएगा ध्रुव का सफ़र

भारत की संस्कृति और विरासत को जानने के लिए निकले ध्रुव का यह सफ़र करीब 15 महीनों में खत्म होगा।

-वह उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश जाएंगे।

-अपने सफर के अनुभव को लोगों से शेयर करने के लिए उन्होंने On a Bullet Yatra के नाम से ब्लॉग भी बनाया है, जिसे अभी तक 39 हज़ार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है।

 

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