लखनऊ : मायावती के शासनकाल में स्मारकों और पार्कों की देखभाल के लिए भर्ती हुए कर्मचारी अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। आसमान वेतन और स्थायीकरण न होने से परेशान कर्मचारियों ने बुधवार को राज्य कर्मचारी की मांग को लेकर लखनऊ में प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना है कि मायावती के शासन में उनकी भर्तियां हुई लेकिन अब वे दिहाड़ी मजदूर बनकर रह गए हैं। कोई उनकी सुनने वाला नहीं है।
बुधवार को उत्तर प्रदेश स्मारक, पार्क कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। स्मारक समिति के कर्मचारियों ने एलडीए के समक्ष 15 सूत्रीय मांगे रखी। जिसमे उचित वेतन, प्रमाणपत्र और मृतक आश्रितों के लिए नौकरी की मांगे प्रमुख रही।
कर्मचारियों ने बताया की एलडीए हमारी मांगों को नहीं मान रहा है इसलिए हमें प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा। बताया की हमें मानक के अनुसार ग्रेड पे मिलना चाहिए। वेतन के साथ ही चिकित्सा और आवास की सुविधा मिले। मृतक आश्रितों को तत्काल नौकरी दी जाये। इसके आलावा स्मारक कर्मचारियों का स्थायीकरण हो और प्रमाणपत्र मिले, एरियर और बोनस का बकाया भुगतान किया जाए।
उनकी मांग है कि 2014 में कर्मचारियों पर लगे पुलिस केस वापस लिए जाए। सभी कर्मचारियों का खाता खुलवाया जाए। राज्य कर्मचारी का दर्जा मिले। प्रदर्शन के दौरान हजारों कर्मचारी मौजूद रहे और उन्होंने एलडीए के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन करने वालों में काफी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित रहीं।