निषाद कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर रोकी ट्रेन, पुलिस हिरासत में कई लोग

निषाद समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने के लिए निषाद समाज के लोगों ने हमारा आम दल निषाद पार्टी और राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के नेतृत्व में रेल रोको अभियान छेड़ा। जिसके तहत निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कौवा बाग रेलवे क्रॉसिंग पर शहीद एक्सप्रेस और नरकटियागंज से गोरखपुर आ रही पैसेंजर ट्रेन को घंटो रोके रखा।

Update:2017-09-09 15:46 IST

गोरखपुर : निषाद समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने के लिए निषाद समाज के लोगों ने हमारा आम दल निषाद पार्टी और राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के नेतृत्व में रेल रोको अभियान छेड़ा। जिसके तहत निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कौवा बाग रेलवे क्रॉसिंग पर शहीद एक्सप्रेस और नरकटियागंज से गोरखपुर आ रही पैसेंजर ट्रेन को घंटो रोके रखा।

सैकड़ों की संख्या में निषाद जाति के लोग सर पर लाल टोपी और हाथों में डंडा लिए रेलवे ट्रैक का रुख करने लगे। इस स्थिति को देखते हुए जीआरपी, आरपीएफ और पुलिस बल, पीएसी भारी मात्रा में तैनात की गई थी। पुलिस बल ने किसी तरह समझा बुझाकर कार्यकर्ताओं को ट्रैक से किनारे किया।

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जमकर की नारेबाजी

निषाद जाति के लोग जिला प्रशासन से बार-बार यह मांग करते रहे कि हमें मुख्यमंत्री से मिलने दिया जाए और जो भी हमारी समस्याएं हैं हम सीएम से मिलकर उन्हें अवगत कराएंगे, लेकिन जिला प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी और जहां भी निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करती रही। लेकिन जब कार्यकर्ताओं ने रेलवे ट्रैकों का रुख किया तो मौके पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान ने मोर्चा संभाला। मगर कार्यकर्ताओं की बढ़ती तादाद रेलवे ट्रैक पर इकट्ठा होने लगी। कार्यकर्ताओं ने गोरखपुर से जा रही शहीद एक्सप्रेस को और बिहार से आ रही नरकटिया गंज पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया और जमकर नारेबाजी करने लगे।

कार्यकर्ताओं ने की मांग

कार्यकर्ताओं की मांग थी कि पार्टी के दो पदाधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उन्हें तत्काल छोड़े और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करवाएं। काफी देर तक पुलिस और आंदोलनकारियों में नोकझोंक चलती रही। किसी तरह कार्यकर्ताओं को समझा बुझाकर रेलवे ट्रैक के किनारे किया। इसके बाद पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया।

क्या कहना है अधिकारियों का?

अध‍िकारियों ने उन्हें समझाते हुए कहा कि यह मामला केंद्र सरकार का है और यूपी सरकार जब ऊपर इसकी रिपोर्ट केंद्र को देगी तभी कुछ हो सकता है। मौके पर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने निषाद पार्टी का एक मांग पत्र पीएम मोदी को भेजने के बाद मामला शांत हुआ।

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