मायावती की मूर्ति तोड़ने वालों को कुछ राहत, कोर्ट ने राजद्रोह की धारा हटाई
लखनऊः साल 2012 में लखनऊ के गोमतीनगर में बीएसपी सुप्रीमो मायावती की मूर्ति तोड़ने के आरोपी तीन लोगों को कोर्ट से थोड़ी राहत मिल गई है। अदालत ने इनके खिलाफ राजद्रोह की धारा हटाने का फैसला किया है। अन्य धाराओं पर इन सभी के खिलाफ मुकदमा चलता रहेगा। इनके खिलाफ 17 अक्टूबर को आरोप तय किए जाएंगे।
क्या है मामला?
आलोक श्रीवास्तव, अर्पित श्रीवास्तव और विशाल मिश्र इस मामले में आरोपी हैं। तीनों पर आरोप है कि हथौड़ा मारकर उन्होंने 26 जुलाई 2012 को अंबेडकर पार्क में लगी मायावती की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया। बता दें कि उस घटना में मायावती की मूर्ति का हाथ और सिर तोड़ दिया गया था। हथौड़ चलाने वाले आरोपियों में से दो सपा की टोपी और एक हेलमेट पहने था।
आठ के खिलाफ आरोप पत्र
इस मामले में गोमतीनगर थाने में आरक्षी रामबचन राम ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। जांच के बाद 26 अक्टूबर 2012 को गोमतीनगर थाने की पुलिस ने आठ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें सभी के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के अलावा राजद्रोह जैसी गंभीर धारा भी लगाई गई थी। आलोक, अर्पित और विशाल ने राजद्रोह की धारा के खिलाफ कोर्ट में अर्जी दी थी। जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है।