वाराणसी: अलगे साल जनवरी में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए यूपी सरकार ने खजाना खोल दिया है। सम्मेलन चूंकि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होने जा रहा है लिहाजा राज्य सरकार किसी तरह को कोताही नहीं बरत रही है। सम्मेलन में आने वाले मेहमानों के आवाभगत में कोई कमी ना रहे, इसके लिए योगी सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है। राज्य सरकार ने सम्मेलन को कामयाब बनाने के लिए फिलहाल सौ करोड़ रुपए का बजट पास कर दिया है।
एनआरआई सेल का हुआ गठन
प्रवासी सम्मेलन के पहले वाराणसी शहर की सूरत बदलने की तैयारी हो रही है। राज्य सरकार के सामने वाराणसी की संकरी और जाम से युक्त सडक़ों को दुरुस्त करना, मेहमानों के लिए यातायात, ठहरने और उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जिम्मेदारी है। इसके अलावा शहर को किस तरीके से सजाया जाए, इसे लेकर भी मंथन हो रहा है। राज्य सरकार की कोशिश है कि मेहमानों के सामने वाराणसी की अद्भुद तस्वीर पेश की जाए। लिहाजा राज्य सरकार ने एनआरआई सेल का गठन कर दिया है। इसके अलावा आयोजन में लगाए गए विभागों से आवयश्कता के हिसाब से काम शुरू करने के लिए प्रस्ताव मांगा गया है। 21 से 23 जनवरी तक वाराणसी में प्रवासी भारतीय सम्मलेन प्रस्तावित है।
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तैयारियों को जमीन पर उतारने की शुरुआत
सम्मेलन की तैयारियों में लगे कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि सम्मेलन की तैयारियों में जुटे विभागों को बजट पाने के लिए अलग बैंक अकाउंट खोलना होगा। सम्मेलन में खर्च होने वाली धनराशि का हिसाब आसानी से किया जा सके।
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जनवरी में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आवास, यातायात सहित कई महत्वपूर्ण कार्य वाराणसी में कराए जाने हैं। बजट जारी होने के बाद आवास व्यवस्था के तहत ऐंढ़े गांव में स्विज काटेज सहित प्रवासी ग्राम और मुख्य आयोजन के लिए हस्तकला संकुल में टेंटेज आदि का काम शुरू हो जाएगा। विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आवासीय व्यवस्था के नोडल अधिकारी होंगे। शहर में प्रकाश, स्वच्छता व सजावट की जिम्मेदारी नगर आयुक्त, सांस्कृतिक प्रदर्शनी, जनसहभागिता मुख्य विकास अधिकारी, पर्यटन, स्टाल पर्यटन अधिकारी, सडक़ व संपर्क मार्ग के लिए मुख्य अभियंता लोक निर्माण नोडल अधिकारी होंगे।