खुले शौचमुक्त: निगम में हो रहा बड़ा खेल,धरातल से कोसो दूर योजना

देश एवं नगर के विकास के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार का अभियान या मिशन चलाया जाता है। जिसके तहत कई प्रकार की सुविधा प्रदान की जाती है। इन सभी अभियानों का इस्तेमाल देश के विकास के लिए किया जाता है। इनमें से एक है ओडीएफ। सहारनपुर नगर निगम में खुले में

Update: 2018-02-23 13:07 GMT
खुले शौचमुक्त: निगम में हो रहा बड़ा खेल,धरातल से कोसो दूर योजना

महेश कुमार

सहारनपुर: देश एवं नगर के विकास के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार का अभियान या मिशन चलाया जाता है। जिसके तहत कई प्रकार की सुविधा प्रदान की जाती है। इन सभी अभियानों का इस्तेमाल देश के विकास के लिए किया जाता है। इनमें से एक है ओडीएफ। सहारनपुर नगर निगम में खुले में शौचमुक्त को लेकर बडे खेल की बू आ रही है।विभाग के अनुसार लगभग 4000 हजार लोगों को व्यक्तिगत शौचालय बनाने के लिए रुपये दे दिया गया है। लेकिन धरातल पर ये योजना दिखाई नहीं दे रही है। यदि आंकडों की बात करे तो विभागीय अधिकारी आंकडों को छुपाने में लगे हैं और इधर-उधर की बात बता रहे हैं।

ओडीएफ अर्थात ओपन डिफिकेशन फ्री, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर गांव आदि को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से इस योजना का आरम्भ किया गया था। इस योजना के तहत गांव एवं शहर के सभी घरों में शौचालय का निर्माण कराने के निर्देश दिए जा गए थे। लेकिन नगर निगम द्वारा ऐसा कोई कार्य नहीं किया जिससे लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके। शौच के लिए शौचालय का इस्तेमाल कर सके और हमारा स्वास्थ्य एवं वातावरण स्वस्थ रह सके। नगर निगम प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत अभियान की योजना को पलीता लगा रहा है। इस अभियान का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को किया गया था। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर सम्पूण भारत को स्वच्छ मिशन का संकल्प लिया था एवं इस संकल्प को पूरा करने के लिए इन्होंने स्वच्छ भारत मिशन का शुभारंभ किया जिसके तहत ओपन डिफिनेशन फ्री की घोषणा की गई।

हैरानी की बात है कि नगर निगम क्षेत्र में भी उन गरीब लोगों को इस योजना का लाभ पहुंचाने की कवायद की गई थी। लेकिन नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत से धरातल पर योजना दिखाई नहीं दे रही है। विभागीय अधिकारी ने बताया कि अब तक 4000 व्यक्तिगत लोगों इस योजना का लाभ दिया चुका है और इसके लिए पूर्व में ही 8000 रुपये के हिसाब से 3. 20 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। आश्चर्यजनक यह है कि ओडीएफ स्कीम के तहत लाभ पाने वाले लोगों का डाटा विभाग नहीं दे पा रहा है। वहीं सैकड़ों गरीब लोग तो निगम के शौचालय बनाने के लिए चक्कर काट रहे हैं।

जब इस बाबत नगर आयुक्त गौरव वर्मा से बात करनी चाही तो उन्होंने किसी कारणवश फोन नहीं उठाया। वहीं नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा.गीता राम ने बताया कि 4000 शौचालयों का पेमेंट नगर निगम से किया जा चुका है।

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