लोक परंपरा की सुरीली यादों में मिठास घोल गईं मालिनी अवस्थी, 12 दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेले का भव्य आगाज

National Crafts Fair 2023: लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने एक के बाद एक कई लोकगीतों से समां बांध दिया। उन्होंने 'राजा जनक के द्वारे भीड़' तथा 'नीक लागै बलमुआ अंगनवा...' बीच की प्रस्तुति से खूब वाहवाही पाई।

Report :  Syed Raza
Update:2023-12-01 22:17 IST

 मेले में सांगीतिक प्रस्तुति देते मालिनी अवस्थी (Social Media) 

National Crafts Fair 2023: प्रयागराज में एक से 12 दिसंबर तक चलने वाले राष्ट्रीय शिल्प मेले की शुरुआत हो चुकी है। उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत 1 से 12 दिसंबर तक राष्ट्रीय शिल्प मेले का आयोजन किया जा रहा है। भारतवर्ष की माटी की सुगंध से लबरेज आंचलिक लोक नृत्यों की बहुरंगी प्रस्तुतियों, देशज लोकगीतों एवं सम्मोहक गायन के साथ पूरे भारत की सांस्कृतिक छटा को बिखेरे राष्ट्रीय शिल्प मेले का शुभारंभ शुक्रवार (01 दिसंबर) को हुआ।

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के शिल्प हाट में मेले का शुभारंभ हुआ। पद्मश्री मालिनी अवस्थी (Padmashree Malini Awasthi) ने विघ्न विनायक गणपति की मूर्ति पर माल्यार्पण कर तथा मंच पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। केंद्र निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने बुके और अंगवस्त्र भेंट कर उनका स्वागत किया। केंद्र निदेशक ने अपने वक्तव्य में शिल्प मेला के बारे में और इसको आयोजित किए जाने के संबंध में केंद्र के उद्देश्य एवं शिल्प के जनमानस से जोड़कर बढ़ावा देने की बात कही।


'नीक लागै बलमुआ अंगनवा...'

मशहूर लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी मंच पर पहुंची तो तालियों की गड़गड़ाहट के साथ दर्शकों ने उनका स्वागत जोरदार किया। स्वागत से अभिभूत मालिनी अवस्थी ने सबसे पहले ईश्वर को नमन करते हुए उन्होंने अपने आशीर्वचन में कहा कि कला की परंपरा निरंतर बहती रही। प्रयागराज से जुड़ी अपनी पुरानी यादों को ताजा किया। एक गीत की प्रस्तुति दी। उन्होंने चिर-परिचित अंदाज में पहले श्रोताओं से खुद को जोडा उसके बाद मुक्ताकाशी मंच को सुरों से सजाना शुरू किया। लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने एक के बाद एक कई लोकगीतों से समां बांध दिया। उन्होंने 'राजा जनक के द्वारे भीड़' तथा 'नीक लागै बलमुआ अंगनवा...' बीच की प्रस्तुति से खूब वाहवाही पाई। वहीं, दर्शक दीर्घा में बैठे लोग ‘रेलिया बैरन पिया को लिए जाए’ समेत एक के बाद एक लोकगीतों पर ठंड के बीच झूमते-नाचते रहे।

शहनाई वादन ने किया मंत्रमुग्ध 

महेन्द्र पवन धानक एवं दल ने शहनाई वादन से सांस्कृतिक संध्या का आगाज किया। इसके बाद म.प्र. के उमेश यादव नामदेव व दल ने बधाई नृत्य की प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही पाई। जोथानपुइया रेन्थले एवं दल ने  मिजोरम का चेरावं लोक नृत्य की प्रस्तुति देकर अपने प्रदेश की संस्कृति से रूबरू कराया। वही याकुम नाबम व दल ने रिखम्पदा नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों को आनंदित किया। गुजरात का डांग और राजस्थान का चरी, घूमर नृत्य ने सजे पंडाल में मिठास भरने का काम किया।

निकाली गई भव्य शोभायात्रा

12 दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेला के शुभारंभ की कड़ी ढोल, ताशा और डीजे पर बजती मधुर धुन के साथ भव्य शोभा यात्रा दोपहर में केंद्र कार्यालय से ए.जी. ऑफिस, पत्थर गिरजाघर से सुभाष चौराहा, सिविल लाइन होते हुए पी.वी.आर तथा राजापुर होते हुए केंद्र कार्यालय  तक भव्य शोभा यात्रा निकाली गयी। ढोल, ताशा के साथ नाचते गाते यात्रा पूरी भव्यता के साथ अपने निर्धारित मार्ग से पुनः केंद्र कार्यालय पर समाप्त हुई। इस दौरान लोक नृत्य के साथ ही मिजोरम का मनोहारी नृत्यों को देखने के लिए शहरवासी उमड पडे। हर कोई इस मनोहरम दृश्य को अपने मोबाइल में कैद कर लेने के लिए आतुर दिखाई दे रहा था। पूरा दृश्य एक मिनी भारत सा लग रहा था। शोभायात्रा सुभाष चौराहे पर पहुंचने पर व्यापार मंडल के अध्यक्ष नीरज जायसवाल ने केंद्र निदेशक एवं कलाकारों को पुष्प गुच्छ व माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरुषार्थ ने किया। इस अवसर पर काफी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।

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