Prayagraj News: कृष्ण स्त्रियों के वस्त्र लेकर भाग जाते… इलाहाबाद विवि के प्रोफेसर ने संविधान का हवाला देकर की अभद्र टिप्पणी

Prayagraj News: सहायक प्रोफेसर के खिलाफ कथित तौर पर भगवान राम और कृष्ण पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई।

Report :  Syed Raza
Update: 2023-10-23 06:31 GMT

AU prof Dr Vikram Harijan controversy  (photo: social media )

Prayagraj News: इलाहाबाद विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में बना हुआ है। इस बार इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर पर भगवान के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का मामला सामने आया है। आपको बता दे विश्वविद्यालय के एक सहायक प्रोफेसर के खिलाफ कथित तौर पर भगवान राम और कृष्ण पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई। सहायक प्रोफेसर के प्राथमिकी विश्व हिंदू परिषद(विहिप), हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल की संयुक्त शिकायत पर रविवार शाम को दर्ज की गई।

विहिप के जिला संयोजक शुभम की तहरीर पर कर्नलगंज थाना में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग में कार्यरत सहायक प्रोफेसर डॉ. विक्रम हरिजन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने), 295-ए (किसी वर्ग के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून की धारा 66 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। जानकारी के मुताबिक, सहायक प्रोफेसर पर आरोप है कि वह अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स' के माध्यम से आए दिन हिंदू समाज के देवी देवताओं पर अभद्र एवं नफरती टिप्पणी करके अपमानित करते हैं। इससे ना केवल विश्वविद्यालय के छात्रों में आक्रोश है, बल्कि हिंदू समाज आहत है। प्रोफेसर ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, “यदि आज प्रभु राम होते तो मैं ऋषि शम्भुक का वध करने के लिए उनको आईपीसी की धारा 302 के तहत जेल भेजता और यदि आज कृष्ण होते तो महिलाओं के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट के केस के लिए उनको भी जेल भेजता।

कृष्ण स्त्रियों के वस्त्र लेकर बाग जाते

आरोपी प्रोफेसर से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने संविधान के दायरे में रहकर यह बात लिखी है। भगवान राम ने शम्भुक का वध इसलिए किया था क्योंकि शम्भुक शूद्र जाति के थे और बच्चों को शिक्षा दे रहे थे।'' उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण स्त्रियों का वस्त्र लेकर भाग जाते थे। मेरा कहना है कि आज के समय में ऐसा होता तो क्या कोई महिला यह बर्दाश्त करती।'' विहिप के शुभम ने कहा, ‘‘भारतीय संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन विक्रम जैसे व्यक्ति सामाजिक अशांति फैलाने के लिए इसका फायदा उठा रहे हैं। वे इस बात से अनजान हैं कि संविधान ऐसी टिप्पणी करने की अनुमति नहीं देता है जो देश की सुरक्षा और लोक व्यवस्था को खतरे में डाल सकती है।


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