Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में गंगा का पूजन करने के बाद पंचकोसी परिक्रमा

Mahakumbh 2025: संगम पूजन के बाद यह परिक्रमा अखाड़ा परिषद और मेला प्रशासन की अगुवाई में रहेगी। अखाड़ा परिषद के संत संगम तट पर पूजन कर परिक्रमा तीन दिन चलेगी। जिसमें सभी तीर्थों की परिक्रमा की जाएगी।;

Newstrack :  Network
Update:2025-01-20 09:43 IST

Panchkosi Parikrama started after worshiping Ganga in Prayagraj Maha Kumbh 2025 ( Pic- Social- Media)

Mahakumbh 2025: प्रयागराज के महाकुंभ में आज से पंचकोसी परिक्रमा की शुरुआत हो रही है। यह तीन दिन चलेगी। संगम पूजन के बाद यह परिक्रमा अखाड़ा परिषद और मेला प्रशासन की अगुवाई में होगी। अखाड़ा परिषद के संत संगम तट पर पूजन कर परिक्रमा की शुरुआत की। यह परिक्रमा अगले तीन दिनों तक चलेगी, जिसमें सभी तीर्थों की परिक्रमा की जाएगी। महामंत्री श्री महंत हरी गिरी परिक्रमा की अगुवाई करेंगे। परिक्रमा एक धार्मिक यात्रा है जिसमें श्रद्धालु पांच प्रमुख स्थानों का दौरा करते हैं। यह परिक्रमा करीब 20 किलोमीटर की होती है। परिक्रमा 11 बजे से शुरू होगी।

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान पंचकोसी परिक्रमा में श्री वेणी माधव मंदिर, पड़िला महादेव मंदिर, श्री हनुमान जी का मंदिर, श्री राम जानकी मंदिर, हरित माधव मंदिर जैसे तीर्थ पड़ते हैं। प्रयागराज में पंचकोसी परिक्रमा करने की परंपरा है। इस परिक्रमा में द्वादश माधव मंदिरों और अन्य महत्वपूर्ण मंदिरों का दर्शन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन मंदिरों की परिक्रमा करने से पवित्रता का फल मिलता है।

श्री महंत हरी गिरी की अगुवाई में यह परिक्रमा तीन दिन चलेगी। इस दौरान साधु संत पवित्र मंदिरों के दर्शन करेंगे। वैसे तो यह परिक्रमा आदिकाल से होती आ रही है लेकिन बाद में यह बंद हो गई थी लोग इसके बारे में भूल गए थे लेकिन 2019 के कुम्भ से फिर से इस परिक्रमा की शुरुआत हो गई। महाकुंभ 2025 होने से संगम नगरी महाकुम्भ नगरी में इसका महत्व कुछ अधिक हो गया है। गंगा यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी पर चल रहे महाकुंभ मेले में जहां श्रद्धालु धर्म अध्यात्म की अलख जगा रहे हैं, वहीं साधु संत पंचकोसी परिक्रमा के जरिए पुरानी सांस्कृतिक परंपरा को और मजबूती प्रदान कर रहे हैं।

सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी के नेतृत्व में अखाड़े के साथ ही अन्य मठ मंदिरों से जुड़े साधु संत पंचकोसी परिक्रमा में शामिल हुए। इस परिक्रमा को शुरू करने से पहले संगम तट पर मां गंगा की पूरे विधि विधान के साथ पूजन आरती की गई। तीन दिनों की इस परिक्रमा के दौरान द्वादश माधव मंदिर की परिक्रमा के साथ ही लेटे हनुमान मंदिर, अक्षयवट, नाग बासुकि मंदिर समेत शहर के प्राचीन और पौराणिक महत्व वाले मंदिरों की परिक्रमा श्रद्धालु करेंगे।

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