Prayagraj News: राजसी महल का अहसास दे रहा महाकुंभ का यह भव्य शिविर
Prayagraj News: इस शिविर में भागवत कथा का आयोजन प्रमुखता से होगा लेकिन प्रभु प्रेमी संघ शिविर के परिसर में विभिन्न सामाजिक सांस्कृतिक और धार्मिक समागम आयोजित किए जाएंगे ।
Prayagraj News: प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर 18 में वीआईपी शिविर की श्रृंखला का नजर आने लगी है। सेक्टर 18 के अन्नपूर्णा मार्ग पर तैयार हो रहा प्रभु प्रेमी संघ का शिविर भी उन्हीं में से एक है जो महल की प्राचीर का दर्शन करा रहा है । कुल 56 बीघे में बन रहा यह शिविर जैसे जैसे आकार ले रहा है इसकी भव्यता निखरने लगी है । इसके निर्माण में 3 करोड़ से अधिक की लागत का अनुमान है। पूरा शिविर में तीन कैंप में विभाजित है। सबसे पहले इस शिविर के बीच में एक गुम्बद तैयार हो रहा है जिसमें शिविर के मुखिया आचार्य महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी जी प्रवास करेंगे। उसके दाहिने हाथ में प्रवचन पंडाल का निर्माण हो रहा है जिसकी क्षमता 2 लाख से अधिक की है। शिविर के अन्दर 50 बेड की क्षमता का एक अत्याधुनिक सभी सुविधाओं वाला अस्पताल भी बन रहा है।
धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजन का होगा संगम
वैसे तो इस शिविर में भागवत कथा का आयोजन प्रमुखता से होगा लेकिन प्रभु प्रेमी संघ शिविर के परिसर में विभिन्न सामाजिक सांस्कृतिक और धार्मिक समागम आयोजित किए जाएंगे । शिविर के प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि 6 जनवरी से 12 जनवरी तक यहां पर श्रीमद् भागवत कथा होगी। जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज यहां भागवत की कथा कहेंगे। इसके अलावा यहां पर सामाजिक और सांस्कृतिक विषयों पर भी कई कार्यक्रम आयोजित होंगे जिसमें पर्यावरण और जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं । नारी शक्ति और सनातन धर्म के विभिन्न आयामों पर भी चिंतन होगा।
देश के प्रमुख भागवत कथा वाचक भी हैं स्वामी अवधेशानंद गिरी
स्वामी अवधेशानंद गिरी देश के टॉप 5 वी आई पी संतों में गिने जाते हैं। वैसे तो उनकी पहचान भागवत कथा के प्रवचन से जुड़ी है लेकिन उन्होंने कई सामाजिक जागरण के कार्यों में भी अपना योगदान दिया है। स्वामी अवधेशानंद गिरी सबसे अधिक नागा संन्यासियों वाले अखाड़े श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर है और यहां नागा संन्यासियों की संन्यास की दीक्षा देते हैं। विदेशों में भी उनके विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं।