Prayagraj Kumbh 2025: महाकुंभ क्षेत्र के अखाड़ा सेक्टर में दिखेगा किन्नर अखाड़ा का वैभव, धर्म ध्वजा स्थापित कर दिया संकेत
Prayagraj Kumbh 2025 : माघ के महीने में 12 बरस बाद आयोजित हो रहे महाकुंभ में देवताओं, पुरुष के साथ किन्नर भी इसका हिस्सा बनेंगे। कुंभ क्षेत्र किन्नर अखाड़े की उपस्थिति दर्ज हो गई है।
Prayagraj Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में हिंदू सनातन परम्परा के विविध रंग देखने को मिल रहे हैं। अखाड़ों में संन्यासी, बैरागी और उदासीन अखाड़ों के साधु संतो के साथ किन्नर समाज से जुड़ा किन्नर अखाड़ा भी नजर आयेगा। अखाड़ा क्षेत्र में श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े का अनुगामी बनकर उन्हीं के निकट किन्नर अखाड़े ने अपनी धर्म ध्वजा स्थापित की।
स्थापित हुई किन्नर अखाड़े की धर्म ध्वजा
राम चरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसी दास ने प्रयाग में त्रिवेणी के माघ के महीने के महात्म्य पर लिखा है
" देव दनुज किंनर नर श्रेनीं। सादर मज्जहिं सकल त्रिबेनीं॥"
माघ के महीने में 12 बरस बाद आयोजित हो रहे महाकुंभ में देवताओं, पुरुष के साथ किन्नर भी इसका हिस्सा बनेंगे। कुंभ क्षेत्र किन्नर अखाड़े की उपस्थिति दर्ज हो गई है। अखाड़ा क्षेत्र में जूना अखाड़े के शिविर के अन्दर ही किन्नर अखाड़े ने अपनी धर्म ध्वजा स्थापित की है। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरि गिरी की मार्ग दर्शन और अगुवाई में किन्नर अखाड़े की धर्म ध्वजा स्थापित करने की परम्परा पूरी की गई। किन्नर अखाड़े की महा मंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी सहित किन्नर अखाड़े की तमाम सदस्यों ने धर्म ध्वजा स्थापना की धार्मिक परम्परा को पूर्ण किया। कौशल्या नंद गिरी का कहना है कि भैरव अष्टमी को धर्म ध्वजा स्थापना के साथ अब यहां उनके अखाड़े की शिविर स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
कुंभ क्षेत्र में दो ठिकानों पर दिखेगा किन्नर अखाड़ा
अपनी रहस्यमय साधना और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की वजह से किन्नर अखाड़ा महाकुंभ में सुर्खियां बनता है। इस महाकुंभ में किन्नर अखाड़े का यह वैभव दो सेक्टर में देखने को मिलेगा। पहला आध्यात्मिक सेंटर जूना अखाड़े के अंदर स्थापित हो रहा किन्नर अखाड़े का शिविर और दूसरा उसका परम्परागत शिविर जो गंगोली शिवाला में लगता है। किन्नर अखाड़े की महा मंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी के मुताबिक दोनों सेंटर ने किन्नर अखाड़े की गतिविधियों को श्रद्धालु देख सकेंगे । सांस्कृतिक और साधना से जुड़े आयोजन पुराने स्थान पर होंगे जबकि धार्मिक अनुष्ठान अखाड़ा सेक्टर के शिविर में। शीघ्र ही दोनो स्थानों पर इसके शिविर स्थापना का कार्य शुरू हो जाएगा।