Mahakumbh 2025: महाकुम्भ में इटली , फ्रांस और नेपाल से आई महिलाएं बनी नागा संन्यासी, सौ से अधिक मातृ शक्ति को दी गई जूना अखाड़े में महिला नागा की दीक्षा
Mahakumbh 2025: महाकुम्भ के मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के पहले इन अखाड़ों में फिर नागा संन्यासियों बनाने का सिलसिला चल रहा है। बड़ी संख्या में अखाड़ों में नव प्रवेशी साधुओं को दीक्षा देने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।;
Mahakumbh 2025: प्रयागराज। सनातन की शक्ति है महाकुंभ का श्रृंगार कहे जाने वाले 13 अखाड़े। महाकुम्भ के मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के पहले इन अखाड़ों में फिर नागा संन्यासियों बनाने का सिलसिला चल रहा है। बड़ी संख्या में अखाड़ों में नव प्रवेशी साधुओं को दीक्षा देने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसमें भी नारी शक्ति की भागेदारी भी तेजी से बढ़ी है। प्रयागराज महाकुम्भ नारी सशक्तीकरण को लेकर भी नया इतिहास लिख रहा है। महाकुम्भ में मातृ शक्ति ने अखाड़ों से जुड़ने में गहरी रुचि दिखाई है। रविवार को संयासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े में सौ से अधिक महिलाओं को महिला नागा की दीक्षा दी गई।
संयासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े
महिला संत दिव्या गिरी बताती हैं कि रविवार महाकुम्भ में अकेले श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतर्गत 100 से अधिक महिलाओं की संन्यास दीक्षा दी गई। संयासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े में इसे लेकर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है जिसके पहले चरण 102 महिला संत को नागा दीक्षा दी गई। अपने शाखा गुरु के साथ सेवा , समर्पण और त्याग की 12 साल तक परीक्षा देने के बाद इन्हें अवधूतानी का दर्जा मिला था। यही अवधूतानी गंगा के तट पर समूह में पहुंची जहां उन्हीं सूत का बिना सिला पौने तीन मीटर का कपड़ा पहनाकर उनका मुंडन संस्कार किया गया। गंगा स्नान के उपरांत इनके हाथ में एक कमंडल , गंगा जल और एक दंड दिया गया । जिसे लेकर वह शेष संस्कार पहले ध्वजा के नीचे और गंगा जी में पूरा करेंगी। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने अंतिम दीक्षा देंगे।
फ्रांस , इटली और नेपाल से आई महिलाओं का भी हुआ नागा दीक्षा संस्कार
सनातन धर्म का ध्वज देश के बाहर भी कई देशों में अब अपनी पताका फहराने लगा है। महाकुम्भ में महिला नागा संन्यासिनियों की दीक्षा में विदेशी महिलाओं ने भी हिस्सा लिया और अब वह भी संयासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की सदस्य बन गई हैं । संयासिनी अखाड़े की संत दिव्या गिरी बताती हैं कि इस बार जिन महिलाओं ने नागा का दीक्षा संस्कार लिया है उसमें तीन विदेशी महिला भी हैं। इटली से आई बांकिया मरियम ने नागा दीक्षा ली है उन्हें नया नाम शिवानी भारती दिया गया है। इसी तरह फ्रांस की बेकवेन मैरी अब दीक्षा लेकर कामख्या गिरी बन गई हैं । नेपाल की महिला संत मोक्षिता राय ने भी जूना के महिला अखाड़े में नागा दीक्षा ली है। उनका अब अखाड़े से दिया गया नाम मोक्षिता गिरी हो गया है।