रजनीश मिश्र
गाजीपुर: देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे से पूर्वांचल के नौ जिलों को गति मिलेगी। यह एक्सप्रेस-वे 6 लेन का होगा लेकिन इसे आगे 8 लेन का भी किया जा सकेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस योजना शुरुआत 22 दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की थी लेकिन जमीन अधिग्रहण नहीं हो पाया। पिछले साल भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार ने 23349 करोड़ की लागत से 341 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास के समय एक्सप्रेस वे का काम 36 महीने में पूरा करने की ताकीद भी की।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ औद्योगिक कॉरीडोर भी बनाए जाने की योजना है। इस एक्सप्रेस-वे को अयोध्या, इलाहावाद, वाराणसी और गोरखपुर से लिंक रोड से जोड़ा जाएगा। इससे इन मार्गों के आसपास नए शैक्षणिक संस्थान, चिकित्सा संस्थान, औद्योगिक केंद्र और मंडियां बन सकती है, जिससे लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होगें। गाजीपुर के सांसद और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का कहना है कि पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे पूरी तरह कंट्रोल्ड होगा। इससे दुर्घटनाओं में कमी के साथ प्रदूषण कम होगा व इधन की भी बचत होगी।
किसानों ने की मंडी बनाने की मांग
ग्रामीणों ने गाजीपुर जिले के बाराचवर गांव के पास आधुनिक मंडी बनाने की मांग की है। बाराचवर के किसान महेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, विजेंद्र सिंह, अमरनाथ यादव, विजय शंकर यादव, दयाशंकर चौबे, राजेश कुशबाहा, मुन्ना कुंजड़ा, दिलशादपुर के अमर नाथ सिंह, मृत्युंजय पांडे, रामध्यान तथा सिउरी अमहट,कामुपुर, तिराहीपुर और बलिया जिले के गांव मुंडेरा और रसड़ा आदि जगहों के किसानों का कहना है कि बाराचवर ब्लाक मुख्यालय होने के साथ-साथ बलिया की तहसील रसड़ा और गाजीपुर की तहसील मुहम्मदाबाद और मऊ जिले को जोडा है।
इसलिए यहां मंडी बनाने से गाजीपुर, बलिया और मऊ जनपद की हद में आने वाले किसानों को लाभ मिलेगा। क्षेत्र के लोगों का यह भी कहना है कि गाजीपुर और बलिया जिलों में कोई औद्योगिक इकाई नहीं है। क्षेत्र में औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र भी नहीं हैं। सरकार को चाहिए कि एक्सप्रेस-वे के किनारे उद्योग लगाने के साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेज व ट्रेनिंग सेंटर भी खोले।
गाजीपुर के सांसद और संचार मंत्री मनोज सिन्हा कहते हैं कि देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे के बनने से पूर्वांचल में औद्योगिक क्रांति आएगी। सिर्फ गाजीपुर ही नहीं बल्कि बलिया, मऊ वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ, अकबरपुर, अयोध्या आदि जिलों और शहरों को लाभ मिलेगा। इन क्षेत्रों में पर्यटन उद्योग भी तेजी से बढ़ेगा। एक्सप्रेस-वे के आसपास कृषि, मंडी, कोल्ड स्टोरेज, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग सेंटर, डेयरी, फूड प्रोसेसिंग यूनिट, हैंडलूम सहित अन्य छोटे, बड़े और मझोले उद्योग विकसित होंगे। इसके साथ ही 10 किमी दूर स्थित गांवों की भी इससे कनेक्टिविंटी होगी।