हर साल 6 हजार रुपए देना भारत के किसानों का अपमान: राज बब्बर

राजबब्बर ने केंद्रीय बजट की घोषणा जिसमें किसानों को दो-दो हजार रूपये तीन किश्त में 6 हजार रूपये प्रतिवर्ष की धनराशि दिये जाने को भारत के किसानों का अपमान बताया।

Update: 2019-02-03 08:56 GMT
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद राजबब्बर ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आगरा, फिरोजाबाद एवं फतेहपुर सीकरी से विभिन्न राजनीतिक दलों को छोड़कर आये सैंकड़ों नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। इसके बाद उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से आम आदमी के साथ खड़ी रहने वाली और उनके हितों के लिए कार्य करने वाली पार्टी रही है। यही कारण है कि देश और प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद जब सारे लेागों ने यथास्थिति मानकर खामोशी ओढ़ ली तब कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी निरंतर जनता के मुद्दों पर किसानों, युवाओं, छात्रों, व्यापारियों आदि के लिए संघर्ष करते रहे।

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'सरकार बनते ही कांग्रेस ने की किसानों की कर्जमाफी'

राज बब्बर ने कहा कि जिन राज्यों में हमें कामयाबी मिली जैसे कर्नाटक, पंजाब, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान आदि कांग्रेस की सरकारों ने किसानों की कर्जमाफी सरकार बनते ही किया। राजस्थान में देश की अनूठी योजना जिसमें हर उस युवा को जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं या रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं उन्हें 3500 रूपये मानदेय देने की शुरूआत की है।

छत्तीसगढ़ में किसान कर्जमाफी तथा 2500 रूपये प्रति क्विंटल धान खरीद शुरूआत के बाद वहां के किसानों द्वारा श्री राहुल गांधी जी का आभार सम्मान किया गया। राहुल गांधी ने केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर देश के हर जरूरतमंद को न्यूनतम आय गारंटी योजना के तहत मानदेय सुनिश्चित करने की बात कही है।

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'मोदी सरकार ने किया किसानों का अपमान'

राजबब्बर ने केंद्रीय बजट की घोषणा जिसमें किसानों को दो-दो हजार रूपये तीन किश्त में 6 हजार रूपये प्रतिवर्ष की धनराशि दिये जाने को भारत के किसानों का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि आज के इस मंहगाई के समय 17 रूपये प्रतिदिन लगभग 5 सौ रूपये प्रतिमाह जो कि बहुत ही नाकाफी है, अगर सरकार की नीयत साफ होती तो सबसे पहले किसानों के ऊपर लदे लागत के बोझ को कम करती। जैसे ट्रैक्टर सहित सभी कृषि यंत्रों एवं कीटनाशक दवाओं को जीएसटी से मुक्त करना, डीएपी, पोटाश एवं यूरिया के दामों में हुई भारी बढ़ोत्तरी को कम करना और किसानों द्वारा उत्पादित सभी फसलों की सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाना सुनिश्चित करना आदि शामिल है, लेकिन सरकार ने लागत कम करने और कर्ज माफ करने के बजाय भीख देने का फैसला किया। यह हमारे अन्नदाता का अपमान है।

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'जनता को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है मोदी सरकार'

राज बब्बर ने कहा कि हमारे अन्नदाता को उसका अधिकार चाहिए भीख नहीं। इसी प्रकार मध्यम वर्ग को रियायत के नाम पर जो टैक्स में छूट दी गई वह भी नाकाफी है। जुमलों से शुरू हुई सरकार जुमलों पर आकर समाप्त हो रही है, क्योंकि यह सारी घोषणाएं आने वाली सरकार को पूरा करना है। अच्छा होता जो यह घोषणाएं उन्होंने की हैं उसे पिछले बजट में घोषित करते तो शायद कुछ लाभ भी मिलता। पांच साल तो जनता पीड़ा में और मंहगाई की मार से परेशान रही, बेरोजगार युवा रोजगार के लिए और किसान अपने अधिकार के लिए संघर्ष करता रहा। मोदी सरकार जाते-जाते लोकलुभावन घोषणाएं करके जनता को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन कल ही किसानों ने पीएमओ पर विरोध मार्च करके अपनी नाराजगी जताई है।

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