लखनऊ: केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया ने बीएसपी प्रमुख मायावती को दलित विरोधी करार देते हुए कहा कि कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के दलित आंदोलन को खत्म कर दिया।
राजधानी में एक स्कूल के उदघाटन कार्यक्रम में रविवार को उन्होंने कहा कि डीएस 4 और बीएस 4 के नेता अब बसपा को बचाने के लिए मायावती के विकल्प की तलाश में हैं। बाबा साहब का आंदोलन चलता रहता तो दलितों के उत्पीड़न के खिलाफ चल रहा आंदोलन अब नहीं होता।
कठेरिया ने कहा
-यूपी में मायावती को सीएम बनाना बीजेपी की सबसे बड़ी भूल थी। मायावती दलित विरोधी हैं।
-मायावती ने अपने कार्यकाल के दौरान किसी दलित को अपने दरवाजे पर फटकने नहीं दिया।
-राजनीतिक लाभ के लिए अंबेडकर के दलित आंदोलन को खत्म कर दिया।
-बाबा साहेब के मिशन से जुड़े सैकड़ों लोग अब मायावती के विकल्प की तलाश में हैं।
-रविदास और जगजीवन राम ने दलितों के लिए काफी काम किया।
-मायावती ने अपने स्टेच्यू लगवाए, लेकिन रविदास और जगजीवन राम का नहीं लगाया।
मौर्या का चुनाव सही
कठेरिया ने यूपी बीजेपी चीफ पद पर केशव मौर्या के चुनाव को केंद्रीय नेतृत्व का सही फैसला करार दिया। उन्होंने कहा कि मौर्य हिंदुत्व के पक्षधर, योग्य और नौजवान हैं। साथ ही पिछड़े वर्ग से आते हैं। उन्होंने कहा कि 2017 में सपा का सफाया होने के साथ ही बीजेपी की सरकार बनेगी। 2017 का मुख्य मुद्दा सपा की गुंडागर्दी और बसपा के कुशासन को बताया।
क्या है डीएस-4 और बीएस-4
डीएस-4 यानि दलित दोषित समाज संघर्ष समिति का गठन 1980 के शुरुआती दशक में कांशीराम ने किया था। बीएस-4 यानि बहुजन समाज स्वाभिमान संघर्ष समिति का गठन बीएसपी के बागी नेता आरके चौधरी ने किया था।