Its Happens only In India ! एक जिद जिसने बदल दी गांव की तस्वीर

शरद चौधरी! ये नाम याद कर लीजिये। इसके बारे में हम आगे बात करेंगे। फिलहाल करते हैं टाइम ट्रेवल... साल है 1990। एक आम सा दिन, एक आम सा लड़का सरकारी दफ्तर पहुंचता है। ट्यूबवेल की छोटी सी समस्या लेकर। काम तो हुआ नहीं लेकिन उसे सबसे बड़ा सबक मिल चुका था। जो उसकी आने वाली जिंदगी को बदलने वाला था। नाम तो याद ही होगा आपको शरद चौधरी  इनके बारे में ही बताने वाले हैं हम।  

Update: 2019-03-04 07:07 GMT

लखनऊ : शरद चौधरी! ये नाम याद कर लीजिये। इसके बारे में हम आगे बात करेंगे। फिलहाल करते हैं टाइम ट्रेवल... साल है 1990। एक आम सा दिन, एक आम सा लड़का सरकारी दफ्तर पहुंचता है। ट्यूबवेल की छोटी सी समस्या लेकर। काम तो हुआ नहीं लेकिन उसे सबसे बड़ा सबक मिल चुका था। जो उसकी आने वाली जिंदगी को बदलने वाला था। नाम तो याद ही होगा आपको शरद चौधरी इनके बारे में ही बताने वाले हैं हम।

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शरद घंटों उस सरकारी दफ्तर में परेशान घूमता रहा था, जब वापस घर आया तो वो ठान चुका था कि वो सिस्टम बदलेगा। लेकिन कैसे इसी जवाब को खोजने में कई दिन बीत गए। और फिर जब जवाब मिला तो उसने सिविल की तैयारी की और सीआईएसएफ अफसर शरद बन गया।

बदल दी गांव की तस्वीर

अपने प्रयासों से शरद ने अपने गांव की दशा और दिशा दोनों ही बदल दी। आज उनके गांव कंदुनी में क्रिकेट स्टेडियम, मल्टी स्क्रीन सिनेमा हाल, बैंक, पोस्ट आफिस, कौशल विकास केंद्र है। फिल्मों के स्टार और फिल्मों की शूटिंग आम बात है। स्कूलों के बच्चे यहां रूरल टूरिज्म पर आते हैं।

शरद चौधरी, जिनके प्रयासों से गांव में विकास का वसंत आया, 1997 बैच के अधिकारी रह चुके हैं और अप्रैल 2017 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। सर्विस के दौरान वे दिल्ली एअरपोर्ट के इंचार्ज थे। काल्विन कालेज से पढ़े, शहर में रहे, लेकिन गांव को कभी नही भूले। बिजली उपकेंद्र के लिए उन्होंने अपने पिता से जिद करके जमीन दान दिलवाई। शरद नौकरी की बंदिशों में नही रहना चाहते थे, गांव का विकास ही उनका उदे्श्य था।

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ट्रामा सेंटर और विश्वविद्यालय भी बनेगा

सिधौली और बिसवां रोड़ पर सीएचसी और ट्रामा सेंटर के लिए भी दो एकड़ भूमि का दान पत्र सीएमओ को सौंप दी है। सीएमओ ने भी सीएचसी और ट्रामा सेंटर निर्माण के लिए अधिक्षण अभियन्ता चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को पत्र भेजा है। इसके आलावा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता वाली समिति ने भी कंदुनी में निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने की संस्तुति शासन को भेज दी है।

विकास की राह पर शरद चौधरी का कंदुनी गांव

यहां के कौशल विकास केन्द्र में 500 युवाओं को दी जा रही नि:शुल्क ट्रेनिंग में से निकले 150 से अधिक युवाओं को रोजगार मिल चुका है। वहीं 30 युवाओं को क्रिकेट की कोचिंग दी जा रही है। इसके साथ ​ही 5 मेगावाट का सौर उर्जा प्लांट भी यहां पर लग रहा है ताकि गांव को बिजली मिल सके।

 

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