लखनऊ: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में केंद्रीय योजनाओं की गति काफी धीमी है। कुछ दिन पहले इसे लेकर पीएमओ ने प्रदेश सरकार से भी नाराजगी जताई थी। इसके बाद तय किया गया था कि चीफ सेक्रेटरी मंगलवार को बनारस का दौरा कर केंद्रीय योजनाओं का जायजा लेंगे, लेकिन तय कार्यक्रम के बाद भी मंगलवार को एकाएक आलोक रंजन ने अपना दौरा रद्द कर दिया। इससे एक बार फिर कहा जा रहा है कि बनारस में केंद्रीय योजनाओं को लागू करने को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर नहीं है।
शहरी विकास मंत्रालय की भी आपत्ति
इसको लेकर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव राजीव गाबा भी प्रदेश सरकार से आपत्ति दर्ज करा चुके हैं, जिसके बाद मंगलवार को बनारस में केंद्रीय योजनाओं की मॉनिटरिंग होनी थी।
अब चीफ सेक्रेटरी की गैरमौजूदगी में हो रही मीटिंग
-चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन के बनारस दौरा रद्द किए जाने के बाद अब उनकी गैरमौजूदगी में मीटिंग हो रही है।
-यह मीटिंग जिले के मंडलीय सभागार में चल रही है।
-बैठक में शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रवीण प्रकाश, पीएमओ के उपसचिव मयूर महेश्वरी, उप सचिव शहरी विकास मंत्रालय सुमित गाखड़ मौजूद हैं।
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इन केंद्रीय योजनाओं को लागू करने में शिथिलता पर है नाराजगी
जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्यूवल मिशन, जापान इंटरनेशनल कोआपरेशन एजेंसी (जायका) के काम, हेरिटेज सिटी डाक्युमेंटेशन एंड आगमेंटेशन योजना (हृदय), नमामि गंगे, स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी।
इन कामों की चीफ सेक्रेटरी को देखनी थी प्रगति
-चीफ सेक्रेटरी को जेएनएनयूआरएम के तहत गोइठहां में बन रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
-जायका के तहत चौकाघाट में बन रहे सीवेज पंपिंग स्टेशन
-बड़ा लालपुर में बन रहे बुनकर ट्रेड फैसिलिटी सेंटर की मौके पर जाकर प्रगति देखनी थी।
जेएनएनयूआरएम के तहत करसड़ा का कूड़ा प्लांट सालों से अधूरा
-इस मामले में कार्यदायी संस्था एटुजेड कोर्ट गई है।
-शहर में बिखरा रहता है कूड़ा।
-पीएम का स्वच्छ भारत अभियान बनारस में ही फेल।
-बनारस में कूड़ा प्रबंधन की हालत खराब।