Sonbhadra News: आजीविका मिशन में लाखों का फर्जीवाड़़ा, फर्जी हस्ताक्षर बना समूह के खाते से धनराशि निकालने का आरोप

Sonbhadra News: मनरेगा, ग्राम पंचायत के बाद अब ग्रामीण आजीविका मिशन से भी फर्जीवाड़े की शिकायतें आनी शुरू हो गई हैं।

Update: 2022-10-01 14:43 GMT

आजीविका मिशन में लाखों का फर्जीवाड़़ा, डीएम ने दिए जांच के आदेश

Sonbhadra News: मनरेगा, ग्राम पंचायत के बाद अब ग्रामीण आजीविका मिशन से भी फर्जीवाड़े की शिकायतें आनी शुरू हो गई हैं। ताजा मामला दुद्धी ब्लाक का है। आरोप है कि यहां ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालन के लिए नियुक्त किए गए संबंधित ब्लाक कर्मियों ने ही फर्जीवाड़ा करते हुए रन्नू ग्राम पंचायत स्वयं सहायता समूह के खाते से लाखों की रकम निकाल ली। समूह के पदाधिकारियों और महिला सदस्यों ने दुद्धी पहुंचे डीएम से मिलकर इसकी शिकायत की तो वहां मौजूद हर व्यक्ति, एकबारगी अवाक रह गए। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए, संबंधित विभाग को तत्काल मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इससे संबंधितों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।

डीएम से फरियाद लगाने पहुंची रन्नू गांव की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का कहना था कि वह लोग गेंदा प्रेरणा महिला उत्पादक समूह के नाम से स्वयं सहायता समूह का संचालन करती हैं। अध्यक्ष अनीता देवी, सचिव शकुंती देवी और कोषाध्यक्ष अमरावती देवी का कहना था कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ब्लाक पर तैनात अमित कुमार और भोला कुमार गत 15 जुलाई को रन्नू आए और समूह की बैठक कराई। इस दौरान समूह का रजिस्टर, पासबुक, चेकबुक और मुहर यह कहते हुए ले लिया कि इसकी आडिट करानी है। आरोप लगाया कि इसके बाद से कोई सामग्री वापस नहीं की गई। इस बीच पता चला कि पांच चेकों के जरिए अलग-अलग तिथियों में समूह के पदाधिकारियों का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर 4.54 लाख निकाल लिए गए। इसकी जानकारी उन्हें तब हुई, जब बार-बार रजिस्टर एवं अन्य दस्तावेज मांगने पर नहीं लौटाए गए तो वह खाते की जानकारी के लिए बैंक पहुंची। समूह की पदाधिकारियों का यह भी आरोप था कि निकाली गई धनराशि मांगे जाने पर संबंधितों की तरफ से उन्हें धमकी दी जा रही है। उधर, इसको लेकर अमित के फोन पर काल की गई तो वह उपलब्ध नहीं हो पाए। वहीं रन्नू क्लस्टर के इंचार्ज भोला का कहना था कि उनसे इस मामले से कोई लेना नहीं है। न ही वह मौके पर गए थे। उन्हें बस इतनी जानकारी है कि मशरूम उत्पादन का मामला था। रन्नू में इस पर काम न होने पर क्लस्टर कोआर्डिनेटर अमित रस्तोगी और तत्कालीन क्लस्टर कोआर्डिनेटर कनकलता दुबे ने रन्नू ने जाकर बैठक की कार्रवाई कराई थी। इसके आगे का मामला वहीं बता सकते हैं। वहीं अमित रस्तोगी का फोन पर कहना था कि फर्जी हस्ताक्षर के आरोप गलत हैं। मशरूम के लिए धनराशि आई थी, जब उन लोगो ने काम नहीं किया तो दूसरी अधिकृत महिलाओं ने उस पर काम किया और उनके द्वारा पैसा निकाला गया। वह भी रकम मशरूम बीज देने वाली कंपनी ओमेन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को गया हुआ है।

पूर्व में भी गड़बड़ी के लग चुके हैं आरोप

बताते हैं कि पिछले साल भी समूह की महिलाओं ने मनमानी का आरोप लगाते हुए ब्लॉक में प्रदर्शन किया था और ब्लॉक के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उस समय जिम्मेदार अधिकारियों ने तत्कालीन ब्लॉक मिशन मैनेजर को हटाकर मामला शांत करा दिया था। इसके बाद कुछ महीनों तक सारी चीजें ठीक रहीं, इसके बाद फिर से शिकायतें मिलनी शुरू हो गईं। समूह की महिलाओं तक यहां तक आरोप था कि कि दुद्धी ब्लॉक के सीएलएफ सहित पूरे ब्लॉक क्षे़त्र में कराए गए कार्यों की जांच कराई जाए तो सिर्फ न केवल बड़ा घोटाला सामने आएगा बल्कि ब्लाक से लेकर जिले तक के लोगों की संलिप्तता देखने को मिल सकती है। 

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