Sonbhadra News: खामियों ने महिला आयोग की सदस्य को किया दंग, कई डॉक्टर-स्टॉफ मिले नदारद, जनऔषधि केंद्र बंद
Sonbhadra News: सदस्य नीलम प्रभात तहसील परिसर में जनसुनवाई के लिए पहुंची तो उनके साथ प्रोबेशन विभाग के लोग तो मौजूद थे लेकिन तहसील से जुड़ा कोई भी जिम्मेदारी अधिकारी-कर्मचारी जनसुनवाई के समय पर मौजूद नहीं मिला।
Sonbhadra News: जिले के दौरे पर मंगलवार को पहुंची उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य नीलम प्रभात दुद्धी में संचालित स्वास्थ्य सेवाओं की हालत देख दंग रह गईं। जहां जनसुनवाई के दौरान तहसील से जुड़े एक भी जिम्मेदार अफसर-कर्मी की मौजूदगी सामने नहीं आई। वहीं, नाममात्र के फरियादी उनको नाराज करने वाले रहे। डेढ़ माह बाद सीएचसी दुद्धी के निरीक्षण में भी हालत जहां जस का तस मिलें। वहीं, तीन नियमित कर्मियों सहित नौ के नदारद रहने और उनके कुछ की छुट्टियां एडवांस में रजिस्टर पर अंकित होने का मामला उन्हें दंग करने वाला रहा। प्रसूताओं को जननी सुरक्षा योजना से उपलब्ध कराया जाने वाला भोजन भी नदारद मिला। साफ-सफाई की स्थिति भी खराब दिखी। इस पर नाराजगी जताते हुए नीलम प्रभात ने कहा कि वह प्रकरण को लेकर डीएम से बात करेंगी। वहीं, उच्च स्तर पर भी स्थिति से अवगत कराया जाएगा।
जनसुनवाई में पहुंची महज पाएं महिलाएं, जमीनी विवाद से जुड़ा था तीन का मामला
बताया जा रहा है कि सदस्य नीलम प्रभात तहसील परिसर में जनसुनवाई के लिए पहुंची तो उनके साथ प्रोबेशन विभाग के लोग तो मौजूद थे लेकिन तहसील से जुड़ा कोई भी जिम्मेदारी अधिकारी-कर्मचारी जनसुनवाई के समय पर मौजूद नहीं मिला। सभागार में कुछ देर के लिए बैठक कर उन्होंने मामले की सुनवाई की। इस दौरान महज पांच महिलाएं, उसमें तीन का मामला जमीन विवाद और दो मामला घरेलू विवाद से जुड़ा होने के कारण, जनसुनवाई का आयोजन एक रस्म अदायगी बनकर रह गया। यहां से वह सीएचसी दुद्धी पहुंची, जहां सबसे पहले उन्होंने उपस्थिति पंजिका की जांच की। पता चला कि दुद्धी सीएचसी में 34 संविदा कर्मी और 23 नियमित डॉक्टर-चिकित्साकर्मी तैनात हैं लेकिन मौके पर छह संविदा और तीन नियमित कर्मी-डॉक्टर नदारद मिले। पूछे जाने पर जहां सभी को सीएल पर होने की जानकारी दी गई ।
डेढ़ माह पूर्व दिए गए निर्देश का नहीं दिखा कोई असर: सदस्य
वहीं, कुछ कर्मियों का एडवांस में उपस्थिति रजिस्टर पर छुट्टियां का अंकन एकबारगी सदस्य नीलम प्रभात को हैरत में डाल देने वाला रहा। साफ-सफाई की स्थिति खराब मिली। प्रसूताओं से जाकर पूछा तो पता चला कि उन्हें भोजन नहीं दिया गया है। जनऔषधि केंद्र पर कई माह से ताला लटकते होने की जानकारी मिली। इस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने डेढ़ माह पूर्व निरीक्षण कर उन्होंने सुधार को लेकर कई निर्देश दिए थे लेकिन कोई तब्दीली नहीं दिख रही है। हॉस्पिटल के भीतर चिकित्सकों के साथ कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं। साफ सफाई, उपस्थिती के साथ जन औषधि केंद्र संचालन में लापरवाही दिख रही है। प्रसूता महिलाओं को खाना तक उपलब्ध नहीं हो रहा। उपलब्ध हो रहा है तो ऐसे समय उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसका कोई मतलब नहीं रह जा रहा है। कहा कि वह इस मसले पर डीएम से बात करेंगी।