Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, जेलर को धमकी देने का मामला

Mukhtar Ansari: सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 2003 में एक जेलर को जान से मारने की धमकी देने के मामले में हुई सजा वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है।

Report :  Jugul Kishor
Update:2023-01-02 13:53 IST
Mukhtar Ansari ( Pic : Social Media)

Mukhtar Ansari: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराने और 2003 में एक जेलर को जान से मारने की धमकी देने के मामले में हुई सात साल की जेल की सजा वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। निचली अदालत ने मुख्तार अंसारी को इस मामले मे बरी कर दिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने 21 सितंबर, 2022 को निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए मुख्तार अंसारी को जेलर को जान से मारने की धमकी देने से जुड़े मामले में दोषी करार मानते हुए 7 साल कैद की सजा सुनाई थी।

बता दें कि 2003 में लखनऊ जिला जेल के जेलर को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को अदालत ने सात साल की सजा सुनाई थी। उस मामले में मुख्तार पर 37 हजार का जुर्माना भी लगाया गया था। मुख्तार अंसारी में लखनऊ के जेलर पर पिस्तौल तान दी थी। साल 2003 में हुई इस वारदात में मुख्तार ने जेलर एसके अवस्थी को उनके दफ्तर में जाकर धमकाया था। उसके बाद अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी की गिनती देश के बाहुबलियों में की जाती है। वह यूपी की पूर्व सीएम मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य रह चुके हैं। साथ ही मऊ के पूर्व विधायक भी हैं। पंजाब की रोपड़ जेल में करीब दो साल का वक्त उन्होंने गुजारा है। सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार के हलफनामे के मुताबिक, प्रयागराज कोर्ट की ओर से जारी किए गए 26 वॉरंट्स को अंसारी ने नजरअंदाज किया। ऐसा उन्हेंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए किया। अंसारी हिस्ट्रीशीटर हैं। यूपी के गाजीपुर जिला में एक ही थाने में उनके खिलाफ गंभीर मामलों के तहत 38 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।   

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