Lucknow News: सिडनी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को लुलु मॉल में नहीं पढ़ने दी गई किताब
Lucknow News: वो मॉल के फूड कोर्ट में बैठकर रैंडम थॉट्स 2021 नाम की किताब पढ़ रहे थे। लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक दिया। सल्वाटोर लखनऊ जी 20 सम्मेलन में शामिल होने आए थे।
Lucknow News: नमाज पढ़ने को लेकर विवाद में आया लखनऊ का लुलु मॉल एक बार फिर चर्चा में आ गया। भारत यात्रा पर निकले यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के असिस्टेंट प्रोफेसर और समाजशास्त्री सल्वाटोर बेबन्स को यहां किताब पढ़ने की अनुमति नहीं दी गई। वो मॉल के फूड कोर्ट में बैठकर रैंडम थॉट्स 2021 नाम की किताब पढ़ रहे थे। लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक दिया। सल्वाटोर लखनऊ जी 20 सम्मेलन में शामिल होने आए थे। फिलहाल लुलु मॉल की ओर से जांच करने की बात कही जा रही है।
आस्ट्रेलिया के समाजशास्त्री प्रो सल्वाटोर बेबन्स ने ट्विटर पर लिखा है कि 'मुझे अभी लखनऊ में लुलु मॉल के सुरक्षाकर्मी ने बताया कि मुझे उनके मॉल में किताब पढ़ने की अनुमति नहीं है। वास्तव में न्यू इंडिया! - और फिर लुलु मॉल सुरक्षा ने मुझे आपको दिखाने के लिए एक किताब की तस्वीर लेने से भी रोक दिया। What Philistines!'।
प्रोफेसर ने कहा इससे बेहतर मॉल की जरूरत है
सल्वाटोर ने ट्वीट के साथ उन्होंने कई फोटो भी पोस्ट की है, जिसमें मॉल में लगे बैनर दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि यहां धार्मिक प्रार्थना करना मना है। इसलिए अब इससे बेहतर मॉल की जरूरत है। सल्वाटोर बेबन्स के ट्वीट करने के बाद उनके पोस्ट पर एक के बाद एक सैकड़ों प्रतिक्रियाएं आने लगी।
जांच के बाद कोई एक्शन लेगा मॉल प्रबंधन
लुलु मॉल प्रबंधन से इस मामले पर बात करने की कोशिश की गई। प्रबंधन की तरफ से बताया गया की जांच कोई कदम उठाया जाएगा। है। प्रो सल्वाटोर भारत दौरे पर आए है। इस दौरान वो उत्तर प्रदेश के दो शहरों लखनऊ व वाराणसी के भी दौरे पर गए। उन्होंने लखनऊ की चाट और वाराणसी के लजीज खाने की सोशल मीडिया में तारीफ की है। लखनऊ में लगे सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी के एक पोस्ट के सामने खड़े हो कर उन्होंने फोटो भी सोशल मीडिया में पोस्ट की है।
अदानी का सल्वाटोर ने किया था समर्थन
सल्वाटोर ने हाल ही में अदानी विवाद में ट्वीट करते हुए कहा था कि स्टॉक ऊपर जाता है और स्टॉक नीचे भी जाता है और मुझे विश्वास है कि अडानी समूह के शेयर वापस वहीं आ गए हैं जहां वे 12 महीने पहले थे। उन्होंने कहा था कि हिंडनबर्ग रिसर्च एक शोध फर्म नहीं है। यह नाथन एंडरसन नाम के एक निवेशक का निजी वाहन है। वह अपनी कंपनी का नाम प्रसिद्ध जर्मन हवाई पोत के नाम पर हिंडनबर्ग रखता है, जो 1937 में दुर्घटना में जल गया था, जिसमें 36 लोग मारे गए थे। इसलिए क्रैश एंड बर्न उनका मॉडल है।
नमाज पढ़ने को लेकर विवादों में आया था लुलु मॉल
उद्घाटन के कुछ दिन बाद ही लुलु मॉल देश भर में चर्चा का विषय बन गया था। वहा कुछ लोगों की नमाज पढ़ते हुए वीडियो वायरल हुआ थी। आरोप लगा की सार्वजनिक जगह पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध के बावजूद मॉल प्रबंधन जानबूझकर धार्मिक गतिविधियों में संलिप्त हो रहा है। कई हिंदू संगठनों ने वहा जमकर विवाद किया और कई दिन तक पीएसी तैनात रही।