यूपी में पर्यटन स्थलों को निखारने की तैयारी, नई नीति लाने पर विचार

Update:2019-07-06 12:24 IST

धनंजय सिंह

लखनऊ: यूपी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार नई नीति लाने जा रही है। इसके तहत देश के एक तिहाई पर्यटकों को यूपी में आकर्षित करने की योजना बनाई जा रही है। इस योजना के जरिये यूपी के पर्यटन और धार्मिक स्थलों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर निखारने के लिए बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है। इससे यूपी में पर्यटकों की संख्या बढऩे के साथ ही रोजगार के बड़े अवसर मिलने की संभावना है। नई पर्यटन नीति को लागू करने के बाद 85 निवेश प्रस्तावों में 5077.80 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश संभावित है, जिनके जरिए चालीस हजार रोजगार सृजन की संभावना है।

ईको पर्यटन स्थल के लिए नामचीन दुधवा टाइगर रिजर्व को यूपी पर्यटन निगम ने हाईलाइट करना शुरू कर दिया है। नई नीति में यूपी के पर्यटन स्थल को विकसित करके निवेश करने वालों को प्रोत्साहन देने की योजना है। हर साल 12.5 प्रतिशत पर्यटकों को बढ़ाने की योजना है। वाराणसी को भी पर्यटन क्षेत्र में और बेहतर बनाने के लिए वहां की कई इमारतों को हेरिटेज होटल में तब्दील करने की योजना है। इसी तरह प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों पर भी पुरानी इमारतों को हेरिटेज होटल बनाने की कवायद शुरू हो गई है।

पर्यटकों की संख्या बढ़ाने पर जोर

यूपी में 2014 से 2018 तक पर्यटकों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 2014 में 18.72 करोड़ पर्यटक आए थे जो 2018 में बढक़र 28.86 करोड़ हो गए। नई पर्यटन नीति में यूपी पर्यटन निगम की 2023 तक 58 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के इरादे से ही अयोध्या में दीपोत्सव, बरसाना में रंगोत्सव, काशी में देव दीपावली का आयोजन भव्य तरीके से कराया। प्रयाग में कुंभ की सफलता के लिए भी सरकार ने हर संभव प्रयास किए। इसी से उत्साहित होकर पर्यटन विभाग ने अब यूपी को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने की कयावद शुरू कर दी है।

सूबे में ईको पर्यटन के क्षेत्र में दुधवा नेशनल पार्क व कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार प्रसिद्ध हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व में हाथी की सैर कर बाघ, हिरन, बारासिंघा के साथ गैंडा पुनर्वास केन्द्र में गैंडों को देखा जा सकता है। लगभग एक शताब्दी पूर्व लुप्त हुए भारतीय गैंडे को वर्ष 1984 में दुधवा के वनों में बसाया गया जो वर्तमान में डेढ़ दर्जन की संख्या में विचरण करते देखे जा सकते हैं।

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इसी तरह बहराइच जनपद के कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार में भी बाघ, हिरन, मगरमच्छ, घडिय़ाल, बारासिंघा सहित गेरवा नदी में मौजूद डाल्फिन का दर्शन करने के साथ-साथ नदी के किनारे गिद्धों को उनके घोसलों में देखा जा सकता है। इस पूरे क्षेत्र में मोतीपुर, ककरहा, मूर्तिहा, धर्मापुर, निशानगाढ़ा, कतर्नियाघाट रेंज है जहां वन विभाग का रेस्ट हाउस भी है। कतर्नियाघाट रेंज में थारू हट बनी हैं। इनकी बुकिंग भी ईको पर्यटन की वेबसाइट पर होती है। टूरिज्म के क्षेत्र में यूपी को मजबूत व सफल बनाने के लिए सरकार व पर्यटन विभाग लगातार काम कर रहा है।

222 लोगों की 29 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत होगी

प्रस्तावित मूर्ति की स्थापना के लिए करीब 222 लोगों की 265 गाटा संख्या से 28.2864 हेक्टेयर भूमि क्रय की जानी है। सर्किल रेट के हिसाब से जमीन की कीमत 38 करोड़ 6 लाख आंकी गई है, लेकिन नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्र की भूमि का मुआवजा सर्किल रेट से चार गुना और शहरी क्षेत्र की भूमि का मुआवजा सर्किल रेट से दोगुना देने की व्यवस्था है।इस संबंध में अपर मुख्य सचिव और पर्यटन निगम के महानिदेशक अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि पर्यटन विभाग ने अपने कैलेण्डर में भी ईको पर्यटन को बढ़ावा दिया है। इस परियोजना का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि ईको पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ स्थानीय जनता को रोजगार के अवसर मिलें। ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में ईको डेवलपमेंट कार्यक्रम के तहत संरक्षित क्षेत्रों के भीतर व निकटवर्ती क्षेत्रों की जैव विविधता संरक्षण को सुनिश्चित करने की भी रणनीति है। इससे सूबे में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। साथ ही रोजगार भी बढ़ेगा।

सबसे ऊंची राम प्रतिमा की कवायद तेज

योगी सरकार ने भगवान श्रीराम की मूर्ति के लिए पहले ही 200 करोड़ का बजट मंजूर कर दिया है। पर्यटन विभाग की ओर से भूमि के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। रामनगरी में सरयू नदी के किनारे रेलवे पुल के पास 222 लोगों की 28.2864 हेक्टयर भूमि ली जानी है। इसमें 66 भवन व 5 मदिरों के अधिग्रहण का भी प्रस्ताव है। सरकार इस मूर्ति को भव्यता प्रदान करने की पूरी तैयारी में है। मूर्ति स्थल के लिए पयर्टन विभाग ने भूस्वामियों को पर्यटन कार्यालय में अपना पक्ष रखने के लिए भूमि व प्रापर्टी के कागजात के साथ बुलाया गया है। भगवान राम की प्रतिमा के लिए 28.2864 हेक्टेयर जमीन चाहिए। मूर्ति के बेसमेंट में एक भव्य हाल होगा, जिसमें एक म्यूजियम स्थापित किया जाएगा। म्यूजियम में भगवान विष्णु के सभी अवतारों की जानकारी और अयोध्या राम जन्मभूमि का इतिहास भी दर्शाया जाएगा। यहां मूर्ति के अलावा विश्राम घर, श्रीराम की कुटिया और रामलीला मैदान भी बनाए जाने का प्रस्ताव है। रामनगरी में स्थापित होने जा रही यह प्रतिमा स्टेचू ऑफ यूनिटी से भी ऊंची होगी। स्टेचू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई 182 मीटर है, जबकि प्रस्तावित भगवान श्रीराम की प्रतिमा की कुल ऊंचाई 221 मीटर होगी। इसका आधार 50 मीटर का होगा और इसके ऊपर 20 मीटर ऊंचा क्षेत्र होगा।

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प्रदेश में पर्यटन विकास को लेकर विभिन्न योजनाओं को तेजी से अमलीजामा पहनाया जा रहा है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत रामायण सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, स्प्रिचुअल सर्किट 1, 2, 3 व 4 और हेरिटेज सर्किट का कार्य किया जा रहा है। इसी प्रकार प्रासाद स्कीम के तहत वाराणसी, मथुरा, गोवद्र्धन में पर्यटन विकास संबंधी कार्य सम्पादित कराए जा रहे हैं। रामायण सर्किट (अयोध्या) के तहत रामकथा पार्क, दिगम्बर अखाड़ा-बहुद्देशीय हॉल, राम की पैड़ी, बुद्धिस्ट सर्किट (कुशीनगर) के तहत पार्किंग, सोलर लाइटिंग, वेस्ट मैनेजमेंट, पहुंच मार्ग, सीसीटीवी एंड वाईफाई संबंधी योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। स्प्रिचुअल सर्किट 1 के तहत 9 योजनाएं तथा स्प्रिचुअल सर्किट 2 के अन्तर्गत 32 योजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। शेष योजनाएं जल्द ही पूर्ण हो जाएंगी। प्रासाद स्कीम के तहत वाराणसी फेज-1 में छह योजनाओं में से पांच का कार्य पूर्ण हो चुका है।

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के तहत गोवेर्धन, मथुरा, वृन्दावन, गोकुल, बरसाना में पर्यटन विकास की योजनाएं संचालित हैं। वाराणसी में फिल्म सिटी, गोरखपुर में वाटर स्पोट्र्स, कॉम्पलेक्स, आगरा, मथुरा, वाराणसी, लखनऊ, प्रयागराज में हेलीपोर्ट के निर्माण, गोरखपुर स्थित रामलीला मैदान एवं मानसरोवर स्थल का सौन्दर्यीकरण संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से किया जा रहा है। अयोध्या, विन्ध्याचल, कुशीनगर, गोरखपुर से सम्बन्धित 8 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजना के तहत आगरा में 62 प्रतिशत विकास कार्य पूरे हो चुके हैं। वहीं अयोध्या के वृहत्तर पर्यटन विकास के अन्तर्गत भगवान श्रीराम पर आधारित डिजिटल म्यूजियम, इंटरप्रेटेशन सेंटर, लाइब्रेरी, फूड प्लाजा, लैंड स्केपिंग, भगवान श्रीराम की प्रतिमा तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं पर काम किया जा रहा है। अयोध्या में क्वीन हो मेमोरियल पार्क के निर्माण की प्रक्रिया का कार्य जुलाई, 2019 में आरम्भ हो जाएगा। चित्रकूट में रोप-वे का संचालन आरम्भ हो चुका है। पर्यटन विकास निगम के कराए जाने वाले नवीन कार्यों के तहत हरिद्वार में भागीरथी पर्यटक आवास गृह का निर्माण, गुजरात में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में उप्र भवन का निर्माण, बद्रीनाथ में पर्यटक आवास गृह का निर्माण आदि शामिल हैं।

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