बिछिया गौशाला भेजी गई एसीएमओ के फार्म हाउस की दो गायों की मौत

एसीएमओ डॉ. जेएन मिश्रा के बुबकापुर स्थित फार्म हाउस पर सुरक्षित मिलीं 45 गायों और बछड़ों में से 22 गाय को दो मिनीट्रक की ओर से पशुपालन विभाग के बिछिया स्थित गौशाला को भेजा गया। लेकिन गौशाला पहुंचते-पहुंचते दो गायों की मौत हो गई।

Update:2017-04-05 14:14 IST

बहराइच : एसीएमओ डॉ. जेएन मिश्रा के बुबकापुर स्थित फार्म हाउस पर सुरक्षित मिलीं 45 गायों और बछड़ों में से 22 गाय को दो मिनीट्रक की ओर से पशुपालन विभाग के बिछिया स्थित गौशाला को भेजा गया। लेकिन गौशाला पहुंचते-पहुंचते दो गायों की मौत हो गई।

दोनों गायों को पोस्टमार्टम कराया गया है। वहीं राजकीय गोशाला में व्यवस्थाएं न होने के चलते प्रबंधक ने गायों को रखने से इंकार कर दिया। आनन-फानन में प्रशासन ने व्यवस्थाएं करवाईं।

क्या था पूरा मामला

-एसीएमओ के फार्म हाउस पर अवैध तरीके से आयुर्वेदिक दवा फैक्ट्री और गौशाला के संचालन पर दो दिन पूर्व कार्रवाई हुई।

-बड़े पैमाने पर कब्र से गायों के कंकाल बरामद हुए।

-वहीं 45 गायें सुरक्षित मिली थी।

-इन गायों को सुरक्षित रखने के लिए जिला प्रशासन ने उन्हें राजकीय गौशाला बिछिया पहुंचाने की रूपरेखा तैयार की।

-इसी के तहत दो मिनी ट्रक में 11-11 गायों को लादकर बिछिया भेजा गया।

-गायों से लदी मिनी ट्रक बिछिया स्थित राजकीय गौशाला पहुंची तो दो गायें मृत मिली।

-गौशाला के प्रबंधक को भी गायों को लाने की जानकारी नहीं दी गई।

-जिसके चलते प्रबंधक मुकेश कुमार ने बुबकापुर से भेजी गई गायों को गौशाला में लेने से इंकार कर दिया।

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कराई कर्मचारियों की व्यवस्था

-जिलाधिकारी अजयदीप सिंह के निर्देश पर तत्काल तीन डॉक्टरों का पैनल गठित हुआ।

-नानपारा, गायघाट और सुजौली के पशु चिकित्साधिकारियों ने दोनों गायों का पोस्टमार्टम कर उनके शवों को दफनवाया।

-वहीं एसडीएम ने गायों की देखभाल के लिए तत्काल दो निजी कर्मचारियों की व्यवस्था कराई।

-इसके बाद गौशाला के प्रबंधक मुकेश ने गायों को गौशाला में लिया।

-दोपहर तक अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही।

दो गायों की मौत का खुलासा

ट्रांसपोर्टिंग से बिछिया ले जाई गई गायों में दो की मौत का खुलासा पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने कर दिया है। सुजौली के चिकित्सक डॉ. अमरनाथ कटियार ने बताया कि एक गाय को सेप्टीसीमिया की पहले से शिकायत थी। साथ ही दम घुटने की भी पुष्टि हो रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।

एक भी कर्मचारी नहीं हुए तैनात

बिछिया में जंगल के बीच राजकीय गौशाला 14 एकड़ जमीन में स्थापित है। लेकिन गौशाला का भवन जर्जर है।यहां पर गौशाला प्रबंधक के अलावा 13 सहयोगी कर्मचारियों के स्टाफ का मानक है। लेकिन दो साल से एक भी कर्मचारी की तैनाती नहीं है। सिर्फ प्रबंधक की ओर से औपचारिकताएं निभायी जाती हैं। इस गौशाला में अधिकतम 10 गायों को रखने की क्षमता है।

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