चुनाव नतीजों ने फूंकी यूपी कांग्रेस में नई जान, गुलजार हुआ प्रदेश कार्यालय

Update:2018-12-14 13:20 IST

रजत राय

लखनऊ: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजों ने यूपी कांग्रेस में नई जान फूंक दी है। लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय जहां आमतौर पर सन्नाटा छाया रहता था अब थोड़ा गुलजार हुआ है। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में 2019 के चुनाओं को ले कर एक नई उम्मीद जगी है।

लखनऊ के पार्टी जिला अध्यक्ष गौरव चौधरी ने बताया कि विधान सभा चुनाव परिणामों ने हमारे अन्दर एक नया उत्साह पैदा किया है। हमें हर पोलिंग बूथ पर 10 सदस्यों को जोडऩे का लक्ष्य दिया गया था जो लगभग समाप्ति की ओर है। हमें पार्टी की तरफ से दो पन्ने का प्रारूप दिया गया था जिसे जल्द जमा करना है। ‘शक्ति एप’ के जरिए भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोडऩे का निर्देश है। कुछ ही दिनों पहले पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ‘शक्ति एप’ पर प्रदेश के जिला स्तर के पदाधिकारियों से संवाद किया था। जिस तरह से मध्य प्रदेश और राजस्थान में ‘शक्ति एप’ से जुड़े 7.5 लाख लोगों से वहां मुख्यमंत्री चुनने के लिए संवाद किया गया है संभव है कि 2019 के चुनावों से पहले जनता का प्रतिनिधि चुनने में भी इस तरह के सीधे संवाद आयोजित किए जाएं। इधर प्रदेश कार्यालय का भी जीर्णोद्धार पिछले कुछ महीनों से चल रहा है और उम्मीद है कि जनवरी के दूसरे हफ्ते तक ये कार्य पूरा हो जाएगा। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजीव बक्शी ने बताया कि कार्यालय की बिल्डिंग बहुत पुरानी है और कमरे बहुत बड़े हैं जिस कारण जगह का उपयोग पूरी तरह से नहीं हो पा रहा था। अब यहां कार्यकर्ताओं से चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा सीधा संवाद किया जा सकेगा। कार्यालय को पूरी तरह से हाई टेक किया जा रहा है और पार्टी की सोशल मीडिया टीम का वार रूम जल्द ही अपने नए कलेवर में काम करना शुरू कर देगा।

प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष आर.पी त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर भी पार्टी कार्यों की समीक्षा करने लखनऊ आने वाले हैं। वह संगठनात्मक बैठकों में हिस्सा लेंगे और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और 2019 चुनावों के लिए दिशा निर्देशित करेंगे।

एक पुराने कांग्रेसी ने कहा कि विधानसभा नतीजों के बाद प्रदेश के कांग्रेसियों में उम्मीद जगी है कि केंद्रीय पार्टी नेतृत्व उत्तर प्रदेश में 2019 के चुनावों के उमीदवारों के चयन में भी इसी तरह की नीतियों का पालन करेगी। इन नतीजों से साबित होता है कि इन प्रदेशों में उमीदवारों की चयन प्रक्रिया काफी पारदर्शी और इंटरैक्टिव रही है, इसी प्रकार की उम्मीद हमें हाई कमान से 2019 के चुनावों के लिए है।

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