प्रदेश में अब ये नया अधिनियम लागू करने जा रही है यूपी सरकार

डा0 सिंह ने कहा कि वृक्षों की अंधाधुंध कटान करके शहरीकरण किया जा रहा है, जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है, जो गंभीर चिन्ता का विषय है। राज्य सरकार इसको दृष्टिगत रखते हुए अभियान चलाकर पूरे प्रदेश में लगभग 22 करोड़ से अधिक पौधरोपण किया गया है।

Update: 2019-10-21 17:07 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि धरती पर जो सबसे पहले तत्व आया वह जल है और आखिरी भी जल ही होगा, इसीलिए ‘जल ही जीवन’ है कहा जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार में भू-जल संचयन अधिनियम लागू करने जा रही है। इस अधिनियम के प्राविधान के तहत ‘रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य बनाते हुए वर्षा जल को संचित करने के लिए सरकारी भवनों तथा शिक्षण संस्थाओं आदि में लागू कराया जाएगा।

जलशक्ति मंत्री ने आज इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी में ‘सेव द एन्वायरमेंट’ संस्था द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विद्यालयों में भी ‘रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम’ स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा किसी भी विद्यालय को मान्यता तभी मिलेगी, जब वह रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम’ लगायेगा। डा0 सिंह ने कहा कि वृक्षों की अंधाधुंध कटान करके शहरीकरण किया जा रहा है, जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है, जो गंभीर चिन्ता का विषय है। राज्य सरकार इसको दृष्टिगत रखते हुए अभियान चलाकर पूरे प्रदेश में लगभग 22 करोड़ से अधिक पौधरोपण किया गया है।

धरती पर 33 फीसदी वन क्षेत्र होना चाहिए, लेकिन प्रतिदिन पेड़ काटे जा रहे हैं। उ0प्र0 सरकार बनाच्छादन के लिए कटिबद्ध है, इसलिए वृक्षारोपण कार्यक्रम को जनान्दोलन का रूप दिया जा रहा है।

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जल शक्ति मंत्री ने कहा कि पेड़ काटकर लगातार बढ़ते हुए शहरीकरण पर रोक लगाने के बारें में विचार किया जाना चाहिए। जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ रहा है, वैसे-वैसे कार्बन फ्लोरो गैस भी बढ़ रही है, साथ ही उ0प्र0 की जनसंख्या लगभग 24 करोड़ होने के कारण इसे पानी के आधार पर चार हिस्सों में बांटा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के डार्क जोन को सेफ जोन बनाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।

इसके अलावा सूखी पड़ी हुई नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। मनरेगा के तहत 8 नदियों को पुनर्जीवित किया गया है और इस बार जीवन दायिनी 15 नदियों को पुनर्जीवित किया जाएगा।

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