इलाहाबादः ग्रेटर नोएडा के दादरी के बिसाहड़ा गांव में बीफ कांड और फिर अखलाक की पीटकर हुई हत्या के मामले में यूपी सरकार सीबीआई जांच नहीं चाहती। सरकार की ओर से गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सीबीआई जांच का विरोध किया गया। अपर महाधिवक्ता इमरानउल्लाह ने कहा कि पुलिस ने हर पहलू से जांच कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। ऐसे में सीबीआई जांच का औचित्य नहीं है।
क्या है मामला?
जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एसबी सिंह की बेंच में अखलाक को पीटकर मारने के आरोपी संजय सिंह ने अर्जी दाखिल की है। संजय का कहना है कि यूपी पुलिस ने बीफ कांड की ठीक से जांच नहीं की। इसलिए सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए जाएं। वहीं, यूपी सरकार की ओर से कोर्ट में हलफनामा देकर कहा गया है कि अर्जी देने वाला अभियुक्त है और उसे अपने मन की एजेंसी से जांच कराने की मांग का कानूनी हक नहीं है। कोर्ट इस मामले में दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगी। अर्जी देने वाले से तब तक जवाब मांगा गया है।
क्या है दादरी कांड?
दादरी के बिसाहड़ा गांव में साल 2015 की 28 सितंबर को बकरीद के मौके पर बछड़े को काटने के आरोप में भीड़ ने अखलाक के घर पर धावा बोला था। इस मामले में दो नाबालिगों समेत 18 आरोपी हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने अखलाक को पीट-पीटकर मार डाला।
आरोपियों का कहना है कि मथुरा फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में अखलाक के यहां मिला मांस बीफ बताया गया है। ऐसे में अखलाक के परिवार के खिलाफ गोहत्या का केस होना चाहिए। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की दूसरी बेंच ने अखलाक के भाई जान मोहम्मद पर गोहत्या का केस चलाने को मंजूरी दी है।