डिफेंस एक्सपो 2020 : सबसे बड़ा हथियार मेला

Update:2023-04-23 16:27 IST
डिफेंस एक्सपो 2020 : सबसे बड़ा हथियार मेला

लखनऊ : लखनऊ में अगले वर्ष देश का सबसे बड़ा हथियारों का मेला लगने जा रहा है। तीन दिवसीय 11वें डिफेंस एक्सपो की शुरुआत 5 फरवरी से होगी। इसकी थीम द इंडिया: द इमर्जिंग डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब रखी गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह भारतीय रक्षा उद्योग के लिए अपनी क्षमताओं को दिखाने और निर्यात की संभावना तलाशने के लिए बड़ा मौका साबित होगा। डिफेंस एक्सपो में लखनऊ में दुनिया भर के अत्याधुनिक हथियारों की नुमाइश की जाएगी। इसमें रक्षा उद्योगों से जुड़ी दुनिया की नामचीन कम्पनियां भाग लेंगी। डिफेंस एक्सपो में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ डिफेंस पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। इस दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।

रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में मजबूत रक्षा औद्योगिक आधारभूत ढांचा है। लखनऊ, कानपुर, कोरवा और नैनी में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स की चार यूनिट हैं। नौ ऑर्डिनेंस फैक्टरी यूनिट हैं। इसमें कानपुर, कोरवा, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद और गाजियाबाद में भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड की एक इकाई शामिल हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से ही उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर पर काम चल रहा है। विभिन्न कंपनियां रक्षा आयुध और उपकरण के लिए इसी कॉरिडोर पर यूनिट लगाएंगी।

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बनेंगे रक्षा उपकरण, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

हमारा देश रक्षा उपकरणों में खर्च के मामले में विश्व में छठे नंबर पर है और हर साल विदेशों से कई लाख करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों की खरीद फरोख्त की जाती है। यूपी में डिफेंस कॉरिडोर को मंजूरी देने के पीछे मोदी सरकार की मंशा है कि रक्षा क्षेत्र की जरूरतें अपनी ही जमीन पर पूरी की जाएं। इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलने के अलावा रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। देश रक्षा उपकरणों के निर्यातक की भूमिका में भी आ सकता है। यूपी की बात करें तो यहां रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018 लागू की जा चुकी है। इससे यूपी में युद्धक विमान, टैंक, हेलीकॉप्टर समेत सभी तरह के रक्षा उपकरण के निर्माण का दरवाजा खुल गया है।

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डिफेंस कॉरिडोर से यूपी को पांच हजार करोड़ का निवेश का अनुमान

अनुमान है कि रक्षा क्षेत्र के देशी और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने वाली इस नीति से अगले पांच साल में प्रदेश में पचास हजार करोड़ रुपये का निवेश और ढाई लाख लोगों को रोजगार मिल सकता है। प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर का मुख्य केन्द्र बिन्दु बुन्देलखण्ड है। यह अलीगढ़, आगरा, झांसी,चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ से होकर गुजरेगा।

 

भारत, रक्षा क्षेत्र के उत्पादों के निर्माण में एक केंद्र के रूप में उभर रहा है। यह मौका न केवल हमारे सैनिकों बल्कि हमारे रक्षा उत्पादों के दुनिया भर में निर्यात के लिए सह निर्माण व सह उत्पादन के लिए उत्साह बढ़ाने वाला है।

- राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री

 

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