Zila Panchayat Election UP: पीएम मोदी के किले में फिर सेंध लगाने की तैयारी में सपा, चला ये बड़ा दांव

Zila Panchayat Election UP: चंदा यादव वाराणसी के सीरगोवर्धनपुर के रहने वाले राजेश यादव की पत्नी हैं।

Reporter :  Ashutosh Singh
Published By :  Dharmendra Singh
Update:2021-06-09 00:10 IST

एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

वाराणसी: धर्म नगरी वाराणसी को बीजेपी का अभेद्य किला कहा जाता है। लोकसभा के अलावा विधानसभा की सभी आठ सीटों के साथ ही नगर निगम पर भी बीजेपी का कब्ज़ा है। प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के नाते वाराणसी पर पार्टी का खास फोकस रहता है, लेकिन पिछले एक साल से बनारस पर बीजेपी की पकड़ ढीली पड़ती दिख रही है।

एमएलसी चुनाव में शिकस्त देने के बाद अब समाजवादी पार्टी, जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भी बीजेपी को पटखनी देने की तैयारी में है। जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है। वाराणसी जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सपा ने जिला पंचायत सदस्य चंदा यादव को उम्मीदवार घोषित किया।

कौन हैं चंदा यादव?

वाराणसी जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सपा की प्रत्याशी चंदा यादव काशी विद्यापीठ सेक्टर 4 की जिला पंचायत सदस्य हैं। चंदा यादव वाराणसी के सीरगोवर्धनपुर के रहने वाले राजेश यादव की पत्नी हैं। राजेश यादव सपा से वाराणसी जिला के उपाध्यक्ष हैं। बताया जा रहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के निर्देश पर जिलाध्यक्ष सुजीत यादव ने चंदा यादव के नाम पर मुहर लगाई है।

सपा प्रत्याशी चंदा यादव (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)
जिप अध्यक्ष के लिए जोड़तोड़ की सियासत
जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन काबिज होगा, इसे लेकर जोड़तोड़ शुरु हो गई है। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष पड़ के लिए ताल ठोक रहें हैं। समीकरण को समझे, इसके पहले देखते हैं जिला पंचायत की पूरी तस्वीर को। वाराणसी जिला पंचायत सदस्य की कुल 40 सीटें हैं। हाल ही में पंचायत चुनाव में बीजेपी स्थिति ठीक नहीं है जबकि सपा ने पिछले चुनाव से बेहतर प्रदर्शन किया है। 40 में से भाजपा के 8 उम्मीदवार जीते हैं वहीं समाजवादी पार्टी के 14 प्रत्याशी जीते हैं। इसके अलावा बसपा और कांग्रेस के 5-5, अपना दल के तीन उम्मीदवार जिला पंचायत चुनाव में जीते हैं। इसके अलावा सुभासपा और आप के खाते में एक सीट है जबकि तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।

बीजेपी की मंशा पर उठाये सवाल

बेहतर प्रदर्शन के बूते समाजवादी पार्टी अध्यक्ष पद के लिए ताल ठोक दी है। हालांकि जीत के लिए जरुरी आंकड़े कहां से आएंगे, इसे लेकर पार्टी अपने पत्ते नहीं खोल रही है। अलबत्ता पार्टी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सपा नेताओं का आरोप है कि बीजेपी के इशारे पर जिला प्रशासन उनके सदस्यों को परेशान कर रहा है।
पार्टी के जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़ कहते हैं कि बीजेपी ने जीत के लिए पूरा सरकारी तंत्र झोंक दिया है। बेवजह पार्टी के जीते सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से परेशान किया जा रहा है। हालांकि पार्टी को भरोसा है कि जीत आखिरकार सपा की ही होगी। समाजवादी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष किशन दीक्षित कहते है कि एमएलसी की तरह इस बार भी बीजेपी का किला ढहाकर परचम लहराया जाएगा. मनोज राय धूपचंडी ने तंज कसते हुए कहा कि बयानवीरों की सरकार है। अब बयानबाजी से काम नहीं चलेगा। अखिलेश यादव की तरह काम बोलना चाहिए।


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