Medical Colleges: 3 मेडिकल कॉलेज के 340 ट्रेनी डॉक्टर ने किया कार्य बहिष्कार, मानदेय बढ़ाने की मांग

edical Colleges: मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर उत्तराखंड के तीन मेडिकल कॉलेजों के 340 ट्रेनी डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया है।

Report :  Network
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-06-24 16:22 IST

ट्रेनी डॉक्टर (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Medical Colleges: मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर उत्तराखंड के तीन मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) के 340 ट्रेनी डॉक्टरों (Trainee Doctors) ने कार्य बहिष्कार (Work Boycott) किया है। ट्रेनी डॉक्टरों ने मजदूर से भी कम वेतन देने का आरोप लगाया है।

डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें एक मजदूर से भी कम वेतन दिया जाता है। कोरोना महामारी में वे अपने परिवार से दूर रहकर मरीजों की देखभाल कर रहे है, लेकिन उन्हें उनका हक दिया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, हड़ताल कर रहे इन ट्रेनी डॉक्टरों की सैलेरी 7500 रुपए है। उन्होंने मानदेय बढ़ाने की मांग की और कहा है कि उन्हें 23,500 रुपए बतौर सैलेरी दिया जाए। बता दें कि भारत सरकार द्वारा ट्रेनी डॉक्टरों को करीब 23,500 रुपए के आस-पास सैलेरी के तौर पर दिया जाता है।

डॉक्टरों ने यह भी आरोप लगाया है कि उत्तराखंड सरकार सभी ट्रेनी डॉक्टरों को अनदेखा कर रही है। राज्य सरकार ना ही उनकी मांग पर नजर डाल रही है और ना ही उनके वेतन पर। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान मेडिकल कॉलेज के द्वारा 60 हजार प्रतिमाह कोरोना भत्ते के तौर पर दिए जाने की बात कही गई थी, लेकिन वो भी प्राप्त नहीं हुआ।

कितना है ट्रेनी डॉक्टरों का वेतन

डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें 250 रुपए पर डे के हिसाब से दिया जाता है। वर्तमान समय में तो दैनिक मजदूर की भी मजदूरी 400 से 500 रुपए है, ट्रेनी डॉक्टर तो तब भी 12 घंटे काम कर रहे है। इसके लिए उन्होंने सीएम, स्वास्थ्य विभाग से संबंधित लोगों को पत्र भेजकर अपनी कार्रवाई करने की मांग की है। साथ उन्होंने कॉलेज प्रशासन को एक सप्ताह का समय देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे कार्य बहिष्कार के साथ-साथ भूख हड़ताल भी करेंगे।

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का बयान

बताते चलें कि इस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि 'हमारी बात हो गई है और वे अपने काम पर लौट आए है। साथ ही उनकी मांग को लेकर शासन से बातचीत हो रही है।' जबकि ट्रेनी डॉक्टर अभी भी कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं।

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