Iran News: ईरान में 'नैतिकता पुलिस' खत्म, जानें क्यों लिया गया ये फैसला?

Iran News: ईरान की सरकार ने अपने देश में हिजाब के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच ‘नैतिकता पुलिस’ (Morality Police) को खत्म कर दिया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2022-12-05 05:59 GMT

ईरान में विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाएं (Social Media)

Iran News: ईरान ने अपनी "नैतिकता पुलिस" को खत्म कर दिया है। ईरान के सख्त महिला ड्रेस कोड का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार की गई महसा अमिनी की मौत के बाद से देश में लगातार व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जिनमें सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जाफ़र मोंटेज़ेरी ने बताया है कि नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है और उसे समाप्त कर दिया गया है। 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सख्त ड्रेस कोड लागू है और इसकी आधिकारिक निगरानी की जाती है।

कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के शासन के तहत, "गश्त-ए इरशाद" के नाम से नैतिकता पुलिस की स्थापना की गई। इसे  "विनम्रता और हिजाब की संस्कृति को फैलाने" के लिए स्थापित किया गया था। गश्त-ए इरशाद यूनिट्स की स्थापना ईरान की सांस्कृतिक क्रांति की सर्वोच्च परिषद द्वारा की गई थी, जिसका नेतृत्व आज राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी कर रहे हैं।

ड्रेस कोड लागू करने के लिए 2006 में गश्त शुरू

गश्त-ए इरशाद ने ड्रेस कोड को लागू करने के लिए 2006 में अपनी गश्त शुरू की। ड्रेस कोड में महिलाओं को शॉर्ट्स, रिप्ड जींस और ऐसे अन्य कपड़ों को अनैतिक माना जाता है। गश्त-ए इरशाद इकाइयों के उन्मूलन की घोषणा के एक दिन बाद मोंटेज़री ने महिलाओं को अपने सिर को ढकने वाले कानून के बारे में कहा कि संसद और न्यायपालिका दोनों काम कर रहे हैं। रायसी ने टेलीविजन पर कहा है कि ईरान के रिपब्लिकन और इस्लामी नींव संवैधानिक रूप से स्थापित हैं "लेकिन संविधान को लागू करने के तरीके हैं जो लचीले हो सकते हैं"।

1983 में हिजाब अनिवार्य था

ईरान में 1983 में हिजाब अनिवार्य हो गया था।नैतिकता पुलिस दस्ते में पुरुष आमतौर पर हरे रंग की वर्दी में और महिलाएं काले रंग की चादर में लिपटी होती थीं, ऐसे कपड़े जो उनके सिर और ऊपरी शरीर को ढकते थे। शुरुआत में ये दस्ते लोगों को चेतावनी देते थे यकीन 15 साल से लोगों की गिरफ्तारी की जा रही है।

हसन रूहानी ने दी थी ढील

उदारवादी राष्ट्रपति हसन रूहानी के तहत ड्रेस कोड में काफी ढील दी गई। उस दौर में ढीले, रंगीन हेडस्कार्व्स के साथ तंग जींस में महिलाओं को देखना आम हो गया था। लेकिन इस साल जुलाई में उनके उत्तराधिकारी, अति-रूढ़िवादी रईसी ने "सभी राज्य संस्थानों को हेडस्कार्फ कानून लागू करने के लिए लामबंदी" करने का आह्वान किया। रायसी ने उस समय आरोप लगाया था कि "ईरान और इस्लाम के दुश्मनों ने भ्रष्टाचार फैलाकर समाज के सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को निशाना बनाया है।"

ईरान के क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब ने भी महिला ड्रेस कोड और व्यवहार के अन्य नियमों को लागू करने के लिए नैतिकता पुलिस को नियुक्त किया गया था लेकिन 2016 के बाद से इसे दरकिनार कर दिया गया है।

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