UK ने मोटा लाभ कमा रही तेल कंपनियों पर टैक्स ठोंका, जनता को महंगाई से राहत देने की कवायद

यूनाइटेड किंगडम की सरकार ने तेल और गैस की बड़ी कंपनियों पर एक "विंडफाल टैक्स" लगा दिया है। नई लेवी तेल और गैस कंपनियों के मुनाफे पर 25 फीसदी की दर से वसूल की जाएगी

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-05-26 19:35 IST

पेट्रोल। 

UK: लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए यूनाइटेड किंगडम की सरकार (government of united kingdom) ने तेल और गैस की बड़ी कंपनियों पर एक "विंडफाल टैक्स" लगा दिया है। नई लेवी तेल और गैस कंपनियों के मुनाफे पर 25 फीसदी की दर से वसूल की जाएगी। ये तब तक चलेगी जब तक कि तेल व गैस की कीमतें सामान्य स्तर पर वापस नहीं आ जाएंगी। विंडफाल का मतलब है अप्रत्याशित रूप से हुआ लाभ। इस टैक्स से मिली रकम को जनता को राहत पैकेज देने में खर्च किया जाएगा।

लोगों को राहत देने के लिए सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव सरकार पर और अधिक करने के लिए निरंतर दबाव है क्योंकि बढ़ती मुद्रास्फीति के चलते भोजन से लेकर ईंधन तक हर चीज की कीमत बढ़ रही है।यूके के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसदों से कहा कि तेल और गैस सेक्टर असाधारण लाभ कमा रहा है। ये मुनाफा जोखिम लेने या नवाचार या दक्षता में हालिया बदलावों के परिणामस्वरूप नहीं है बल्कि रूस के युद्ध से प्रेरित वैश्विक कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप है। सुनक ने कहा, "और इस कारण से, मैं उन लाभों पर निष्पक्ष रूप से कर लगाने के तर्क के प्रति सहानुभूति रखता हूं।"

नई लेवी तेल और गैस कंपनियों के मुनाफे पर 25 फीसदी की दर

सुनक ने कहा कि सरकार तेल और गैस कंपनियों को अपने मुनाफे को फिर से निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए "निवेश भत्ता" के साथ एक अस्थायी ऊर्जा लाभ लेवी लगा रही है। नई लेवी तेल और गैस कंपनियों के मुनाफे पर 25 फीसदी की दर से तब तक लगाई जाएगी जब तक कि तेल व गैस की कीमतें सामान्य स्तर पर वापस नहीं आ जाएंगी। ऊर्जा कंपनियों पर विंडफाल टैक्स लगाने का निर्णय प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन की सरकार के लिए एक और यू-टर्न है। सुनक ने पहले एकमुश्त लेवी को खारिज कर दिया था, यह कहते हुए कि यह सतही रूप से आकर्षक लग रहा है और, यह अंततः निवेश को रोक देगा। विपक्षी सांसदों ने बार-बार यह कहते हुए सरकार से गैस और तेल की बड़ी कंपनियों पर एकमुश्त कर लगाने का आह्वान किया था कि इस कदम से जनता के लिए घोषित राष्ट्रीय पैकेज को निधि देने में मदद मिलेगी।

बड़े पैमाने पर तिमाही मुनाफे की सूचना

ब्रिटेन की तेल और गैस दिग्गज की दिग्गज कंपनियों बीपी और शेल ने इस महीने की शुरुआत में बड़े पैमाने पर तिमाही मुनाफे की सूचना दी, क्योंकि यूक्रेन में रूस के हमले के दौरान कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी से उन्हें बड़ा फायदा हुआ है। इसने सरकार से उन कंपनियों की सरप्लस नकदी पर टैक्स लगाने की मांग को हवा दी है। सुनक के बयान के जवाब में विपक्षी लेबर पार्टी के शैडो वित्त मंत्री राचेल रीव्स (Shadow Finance Minister Rachel Reeves) ने कहा, "आज ऐसा लगता है कि चांसलर को आखिरकार उन समस्याओं का एहसास हो गया है, जिनका सामना देश कर रहा है।"

रीव्स (Shadow Finance Minister Rachel Reeves) ने कहा कि लेबर पार्टी ने पहली बार लगभग पांच महीने पहले तेल और गैस कंपनियों पर अप्रत्याशित कर लगाने का आह्वान किया था। महीनों से यह स्पष्ट हो गया है कि लोगों को अपने बिलों को कम करने में मदद करने के लिए और अधिक आवश्यक था। रीव्स ने पूछा कि, इस सरकार को ये कदम उठाने में इतना समय क्यों लगा? उन्होंने कहा - इस सरकार की ढिलाई हमारे देश को बहुत महंगी पड़ी है।

सुनक ने कहा कि बढ़ती मुद्रास्फीति गंभीर संकट पैदा कर रही है और इस वर्ष के दौरान आर्थिक स्थिति और अधिक गंभीर हो रही है। दरअसल यूनाइटेड किंगडम में मुद्रास्फीति पिछले महीने 9 फीसदी तक पहुंच गई क्योंकि खाद्य और ऊर्जा की कीमतें 40 वर्षों में अपनी उच्चतम वार्षिक दर पर पहुंच गई हैं। बैंक ऑफ इंग्लैंड को आशंका है कि इस साल के अंत में मुद्रास्फीति 10 फीसदी से अधिक हो जाएगी।

निम्न आय वालों को कैश मदद

वित्त मंत्री सुनक (Shadow Finance Minister Rachel Reeves) ने कहा कि सबसे कम आय वाले लगभग 80 लाख परिवारों को 650 पाउंड (64 हजार रुपए) का एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। पहला भुगतान जुलाई में सीधे लोगों के बैंक खातों में जारी किया जाएगा, दूसरा भुगतान सितंबर-अक्टूबर में भेजा जाएगा। इसके अलावा 80 लाख पेंशनभोगी परिवारों को 300 पाउंड (29 हजार रुपए) का अतिरिक्त शीतकालीन ईंधन भुगतान और 150 पाउंड की एकमुश्त विकलांगता मदद मिलेगी। सुनक ने यह भी कहा कि बिजली बिल चुकाने के लिए 200 पाउंड (19 हजार 460 रुपए) के ऋण को अब वापस की आवश्यकता नहीं है और परिवारों के लिए इस समर्थन को बढ़ाकर 400 पाउंड कर दिया गया है। वित्त मंत्री सुनक ने कहा कि गुरुवार को घोषित कुल उपायों की लागत 15 अरब डॉलर हो गई तथा इसे मिलाकर इस वर्ष प्रदान की गई सहायता राहत की लागत 37 अरब डॉलर हो गई है।

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