Russia Ukraine War Video: बहुत खतरनाक है डर्टी बम, जहां गिरेगा कर देगा सब कुछ बर्बाद
Dirty Bomb Kya Hai: डर्टी बम किसी शहर को चपटा करने वाला परमाणु विस्फोट नहीं हैं बल्कि जहरीले कचरे को फैलाने के लिए बनाए जाते हैं।
Russia Ukraine War Video: किसी ने सोचा नहीं होगा कि रुस और यूक्रेन की लड़ाई इतनी लंबी खींच जायेगी। यह बात बहुत शक्तिशाली देश रुस ने भी नहीं सोचा होगा। अब जब रुस और यूक्रेन की लड़ाई बहुत लंबी खिंच गई है। हार जीत का फ़ैसला होता हुआ नहीं दिख रहा है। तो कूटनीतिक तौर पर लड़ाई लड़ी जा रही है। अफवाहें फैलाई जा रही हैं। एक दूसरे पर दोष लगाये जा रहे हैं। (और ) यह अंदेशा जताया जा रहा है कि कोई भी देश परमाणु बम का उपयोग कर सकता है। जिससे पूरी मानवता को, पूरी दुनिया को नुक़सान पहुँचेगा। ऐसा सब इसलिए किया जा रहा है ताकि इस लड़ाई में अब लोगों पर दबाव बने और यह युद्ध किसी तरह ख़त्म हो। युद्ध विराम हो।
इसी कड़ी में रुस ने एक अफ़वाह फैलाई है कि यूक्रेन जल्दी ही डर्टी बम का इस्तेमाल करने वाला है। हम आप को बतायेंगे कि डर्टी बम (What is Dirty Bomb) होता क्या है? (और) आख़िर यूक्रेन क्यों डर्टी बम का इस्तेमाल करेगा। ऐसी कौन सी स्थितियाँ आ गईं क्योंकि डर्टी बम के इस्तेमाल के बाद सबसे ज़्यादा नुक़सान यूक्रेन का होगा। डर्टी बम एक पारंपरिक विस्फोटक उपकरण होता है, जिसमें ज़हरीली… ( ज़हरीले) परमाणु सामग्री लगी होती है।
यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों का कहना है कि रुस के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। यह विचार कि यूक्रेन अपने ही क्षेत्र को जहर देगा, बिल्कुल बेतुका है। उनका कहना है कि मॉस्को खुद के हमलों को जायज ठहराने के लिए ऐसी बात फैला रहा है।
डर्टी बम किसी शहर को चपटा करने वाला परमाणु विस्फोट नहीं हैं बल्कि जहरीले कचरे को फैलाने के लिए बनाए जाते हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों ने उसके बारे में चेताया है कि ज्यादातर शहरों में इस्तेमाल किए जाने वाले आतंकवादी हथियार के रूप में, नागरिकों के बीच विनाश का कारण बनने के बजाय, संघर्ष में युद्धरत दलों द्वारा उपयोग के लिए एक सामरिक उपकरण के रूप में डर्टी बम इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि डर्टी बम का तत्काल स्वास्थ्य रूप से किसी की भी सेहत पर प्रभाव बहुत तेज नहीं होगा। क्योंकि शुरुआती दौर में ये छोटे से दायरे में फैलाये जाते हैं। लेकिन लंबे समय में ये बहुत घातक होते है। बहुत नुक़सान देह होते हैं। क्योंकि प्रभावित क्षेत्र के अधिकांश लोग विकिरण की घातक खुराक का अनुभव करने से पहले बचने में सक्षम नहीं होते। लेकिन शहरी क्षेत्रों को खाली करने या यहां तक कि पूरे शहरों को छोड़ने से आर्थिक नुकसान भारी हो सकता है।
ओबामा प्रशासन के दौरान अमेरिका की सीनेट की एक गवाही में भौतिक विज्ञानी हेनरी केली ने उपयोग की जाने वाली परमाणु सामग्री की मात्रा और यह कितनी दूर तक फैला था, इस आधार पर काल्पनिक परिदृश्यों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश की थी। तैयार की थी।
किसी गुम या चोरी हुए चिकित्सा उपकरण से रेडियोधर्मी सीज़ियम का उपयोग करने वाले बम को कई शहर ब्लॉकों के क्षेत्र को खाली करने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे दशकों तक यह असुरक्षित हो जाता है।
केली ने कहा कि खाद्य विकिरण संयंत्र में…. ( से )रेडियोधर्मी कोबाल्ट का एक टुकड़ा, अगर न्यूयॉर्क में एक बम से अलग हो गया, तो 380 वर्ग मील यानी 1,000 वर्ग किमी तक के क्षेत्र को दूषित करता है । ( और) संभावित रूप से मैनहट्टन द्वीप को भी निर्जन ( यह कोबाल्ट का टुकड़ा) बना सकता है।
मॉस्को ने संयुक्त राष्ट्र संघ को चिट्ठी लिख कर के यूक्रेन की इस रणनीति का खुलासा किया है कि अब यूक्रेन ही डर्टी बम का इस्तेमाल कर लेगा। संयुक्त राष्ट्र संघ के राजनयिकों ने एक बंद कमरे में इस पर विचार करने की योजना तो बनाई है। लेकिन यह विश्वास करना कि यूक्रेन आत्मघात करेगा। उनके लिए ही नहीं, सब के लिए बहुत मुश्किल हो रहा है।
रुस के परमाणु, जैविक और रासायनिक सुरक्षा सैनिकों के प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा है कि इस तरह के हमले के लिए यूक्रेन का उद्देश्य रूस को दोष देना होगा। उन्होंने कहा कि कीव द्वारा उकसाने का उद्देश्य रूस पर यूक्रेनी सैन्य थिएटर में सामूहिक विनाश के हथियार का उपयोग करने का आरोप लगाना होगा। रुस का यह कहना कि मास्को में तमाम देशों का विश्वास को कम करने के लिए यूक्रेन ने यह योजना बनाई है। यह कितना सच है, यह कहना तो मुश्किल होगा। समय बतायेगा। पर जिस तरह यूक्रेन रुस के साथ लड़ रहा है। उस तरह यह नहीं कहा जा सकता है कि यूक्रेन आत्मघात करने के लिए डर्टी बम का इस्तेमाल कर लेगा। (और ) यह भी हो सकता है कि रुस की कोई नई यह चाल हो। अगर किसी परमाणु हथियार का उपयोग किया जाता है तो उसका ठीकरा यूक्रेन के सर फूटे। यह रणनीति, सियासत और कूटनीति कहाँ तक जायेगी , यह कहना बहुत मुश्किल है। लेकिन रुस व यूक्रेन के बीच की की लड़ाई पर दुनिया की नज़रें टिकी हुई हैं।