Jawaharlal Nehru History: बात नेहरू की प्रिय स्त्रियों की, दुनिया इन्हें प्रेम प्रसंग से जोड़ती हैं, देखें Y-Factor...
नेहरू पर किताब लिखने वाले स्टैनली वाॅलपर्ट भी एडविना से नेहरू के रिश्तों की गवाही देते हैं।
Jawaharlal Nehru History: पंडित जवाहर लाल नेहरू का जिक्र हो और उनकी महिला मित्रों का नाम न आए। उनके प्रेम प्रसंगों की चर्चा न हो यह संभव ही नहीं। वायसराय लार्ड माउंटवेटन की पत्नी एडविना से नेहरू के रिश्ते तो जगजाहिर है। नेहरू का एडविना के साथ रिश्ता तब शुरू हुआ जब माउंटवेटन इंग्लैंड जाने की तैयारी कर रहे थे। नेहरू और एडविना के रिश्तों के बारे में माउंटवेटन की जीवनी लिखने वाले फिलिप जीगलर और फ्रिडम एट मिडनाइट के लेखक लैरी कोलिंस तथा डोमीनिक लाॅपेयर ने खुलकर लिखा है। लेकिन सबसे मजबूत प्रमाण टाटा स्टील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे। रूसी मोदी के पास था।
रूसी मोदी के पिता सर होमी मोदी उत्तर प्रदेश के राज्यपाल थे। नेहरू नैनीताल आये थे। रात को जब सर होमी मोदी ने नेहरू का यह बताने के लिए शयन कक्ष खोला कि खाना लग चुका है। तो उन्होंने देखा कि नेहरू ने एडविना को अपनी बाहों में भरा था। यह बात रूसी मोदी ने नेहरू की जीवनी लिखने वाले एमजे अकबर को बताया था।
नेहरू पर किताब लिखने वाले स्टैनली वाॅलपर्ट भी एडविना से नेहरू के रिश्तों की गवाही देते हैं। ललित कला अकादमी को उद्घाटन समारोह में दोनों को एक-दूसरे को छूते, हाथ पकड़ते देखा गया था। लार्ड माउंटवेटन एडविना को लिखी चिट्ठियों को प्रेम पत्र कहते थे।
1949 में नेहरू जब लंदन गए। तब एडविना के साथ उन्होंने उनके घर ब्रांडलैंड्स में वीकेंड भी गुजारा। कहा जाता है कि 1960 में एडविना का जब निधन हुआ। तब वह नेहरू के पत्रों को दोबारा पढ़ रही थीं। उनके हाथ से छिटक कर वे जमीन पर गिरे पाए गए।
अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम सारा भाई की बहन मृदुला सारा भाई से भी नेहरू के करीबी रिश्ते थे। नेहरू ने उन्हें कांग्रेस का महासचिव भी बनाया था। सरोजिनी नायडू की बेटी पद्मजा नायडू से भी नेहरू के रिश्तों की कहानी तैरती रहती है। 2 मार्च, 1938 को नेहरू ने लखनऊ से पद्मजा को एक चिट्ठी लिखी थी। जिसमें लिखा- तुमको देख कर अच्छा लगा। और कमसिन होती जाओ। ताकी लोग जो बूढ़े हो रहे हैं उनकी भरपाई कर सको।
नेहरू ने एक चिट्ठी में पद्मजा को सलाह दी थी कि वह उन्हें जो पत्र भेजें उसमें लिफाफे पर गोपनीय लिख दें। मथाई ने नेहरू पर दो किताबें लिखीं। जो ऐसे तमाम राज खोलती हैं। 1979 में खुशवंत सिंह को बनारस की श्रद्धा माता ने एक इंटरव्यू दिया था। जिसमें यह माना था कि अगर नेहरू के मन में कभी भी पुनर्विवाह की बात आती तो उन्होंने उनसे ही शादी की होती। हालांकि वे यौन संबंधों की बात नहीं मानती हैं।